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मंत्री को घेरा, रजिस्ट्रार को दी चेतावनी

रांची: झारखंड राज्य विवि व महाविद्यालय कर्मचारी संघ के बैनर तले कॉलेज कर्मचारियों ने गुरुवार को दिन के 11 बजे शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के इटकी रोड स्थित आवास का घेराव किया और भूख हड़ताल पर बैठ गये. इसका नेतृत्व महासंघ के महासचिव शिवजी तिवारी ने किया. कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते […]

रांची: झारखंड राज्य विवि व महाविद्यालय कर्मचारी संघ के बैनर तले कॉलेज कर्मचारियों ने गुरुवार को दिन के 11 बजे शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के इटकी रोड स्थित आवास का घेराव किया और भूख हड़ताल पर बैठ गये.

इसका नेतृत्व महासंघ के महासचिव शिवजी तिवारी ने किया. कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे. दोपहर में करीब 12 बजे मंत्री हड़तालियों के पास पहुंची. उन्होंने कहा कि विभाग में जाकर उनकी समस्याओं के संबंध में जानकारी हासिल कर उन्हें बुलायेंगी. तबतक कर्मचारी आवास के समक्ष ही बैठे रहे.

शाम चार बजे बजे वार्ता के लिए मंत्री ने कर्मचारियों को सचिवालय बुलाया. पांच बजे से आरंभ हुई वार्ता में मंत्री के अलावा उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. वार्ता में छठा वेतनमान, चतुर्थ व पांचवें वेतनमान का निर्धारण व बकाया, सेवानिवृत्ति उम्रसीमा बढ़ाने, एसीपी का लाभ देने सहित अन्य मांगें रखी. बजट के आधार पर पद सत्यापन और वेतन निर्धारण पर आकर मामला अटक गया. नतीजा कुछ नहीं निकला. इधर सभी कर्मचारी सचिवालय के समक्ष डटे रहे. रात आठ बजे मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को फिर वार्ता करेंगी. वार्ता में शिवजी तिवारी, ललित सिंह, नेतलाल मिर्धा, मनोज किशोर, विश्वंभर यादव, कमल किशोर व अन्य शामिल थे.

रजिस्ट्रार को दो घंटे तक घेरे रखा, नोकझोंक हुई
रांची विवि मुख्यालय के कर्मचारियों ने कहा है कि वर्षो पुरानी उनकी लंबित मांगें नहीं मानी गयीं, तो सात दिसंबर को आयोजित होनेवाली सीनेट की बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक को घुसने नहीं दिया जायेगा. हर बार आश्वासन दिया जाता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. अपनी मांगों को लेकर दिन के 11 बजे मुख्यालय के कर्मचारी पहले वीसी को घेरने पहुंचे. वीसी ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे लोग रजिस्ट्रार से मिलें.

इसके बाद सभी कर्मचारी साढ़े 11 बजे रजिस्ट्रार के कार्यालय पहुंचे. वहां वित्त पदाधिकारी भी थे. कर्मचारियों ने नवंबर माह का वेतन तथा एक अप्रैल 1997 से 14 नवंबर 2000 तक का वेतन अंतर राशि का बकाया देने की मांग की. छठे वेतनमान व पांचवें वेतनमान निर्धारण में आयी कमियों, एसीपी और वरीयता का लाभ देने की मांग की. सेवानिवृत्त कर्मचारियों से काम लेना बंद करने की मांग भी की. राज्य सरकार द्वारा किये गये अधूरे वेतनमान को पूरा किया जाये. इस दौरान कई बार रजिस्ट्रार व कर्मचारियों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई. बाद में रजिस्ट्रार ने कहा कि वे सभी मांगों को लेकर राज्य सरकार से बात करेंगे. ज्यादातर मामले मानव संसाधन विकास विभाग से ही जुड़ेहुए हैं. करीब डेढ़ बजे सभी कर्मचारी वापस लौट आये. इस अवसर पर अर्जुन कुमार, अब्दुल बारी, रामजी प्रसाद, यूके वर्मा, एसपी पांडेय, सुनील खलखो, सुनील, गणोश राम आदि उपस्थित थे.

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