बाद में जब इसकी सूचना मिलने पर लालपुर पुलिस की टीम वहां पहुंची और बॉडीगार्ड को समझाने का प्रयास किया, तब बॉडीगार्ड पुलिस से भी उलझ गया और पूर्व मंत्री के बॉडीगार्ड होने का धौंस दिखाने लगा. जानकारी मिलने पर सिटी डीएसपी सुदर्शन आस्तिक भी पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी उसका रवैया नहीं बदला. बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. उसके बाद हथियार जब्त कर लिया. पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच करायी, जिसमें उसके शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई. हालांकि पुलिस ने इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है. बताया जाता है कि जांच कराने के बाद पुलिस ने बॉडीगार्ड को छोड़ दिया.
इधर, हंगामे को लेकर किसी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी, जिस कारण पुलिस ने आगे की कार्रवाई नहीं की. बताया जाता है कि 31 दिसंबर की देर रात अपार्टमेंट में पार्टी चल रही थी. फ्लैट में बॉडीगार्ड भी अपने भाई के साथ था. उसी फ्लैट के बगल वाले फ्लैट में भी कुछ लड़के थे, जिनसे जवान का विवाद हुआ था. इसी के बाद वह हंगामा करने लगा.