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नये साल में फिर गुलजार होगी सिकनी
सुनील चौधरी रांची : सिकनी कोलियरी से नये वर्ष में पूरी क्षमता से उत्पादन होगा. अब यहां से कोयला लेने के लिए नये ग्राहक मिल गये हैं. कोयले का इ-अॉक्शन कराने पर तीन कंपनियां आगे आयी हैं, जिन्हें 23 दिसंबर के बाद डीओ दे दिया जायेगा और 30 दिसंबर या जनवरी के प्रथम सप्ताह से […]
सुनील चौधरी
रांची : सिकनी कोलियरी से नये वर्ष में पूरी क्षमता से उत्पादन होगा. अब यहां से कोयला लेने के लिए नये ग्राहक मिल गये हैं. कोयले का इ-अॉक्शन कराने पर तीन कंपनियां आगे आयी हैं, जिन्हें 23 दिसंबर के बाद डीओ दे दिया जायेगा और 30 दिसंबर या जनवरी के प्रथम सप्ताह से सिकनी कोलियरी से उत्पादन आरंभ हो जायेगा.
सिकनी से कोयला लेने के लिए दिल्ली के एसबीसी मिनरल, रांची के मां अंबे ट्रेडर्स व एसएस अग्रवाल ने इ-अॉक्शन से सफलता पायी है. इन्हें 1068 रुपये प्रति टन की दर से कोयले की आपूर्ति की जायेगी. यही दर सीसीएल के आम्रपाली कोयला खदान से निकाले गये कोयला की भी है.
सिकनी कोलियरी से पिछले पांच माह से उत्पादन ठप है. इसके चलते 2000 से अधिक मजदूर बेरोजगारी की स्थिति में हैं. कोयले का डिस्पैच न होने से 1174 ट्रकों का परिचालन भी ठपहो गया है. यदा-कदा केवल इनलैंड पावर को कोयला आपूर्ति के लिए कोलियरी से उत्खनन किया जाता है.
वह भी करीब 10 हजार टन के आसपास, जबकि सिकनी कोलियरी की क्षमता 40 से 50 हजार टन प्रतिमाह की है. सिकनी का स्वामित्व झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के पास है. सिकनी के कुल 70 डीओ होल्डर हैं. इसका मुख्य डीओ होल्डर इनलैंड पावर है. इसके अलावा ईंट भट्टों व छोटे कारखाने संचालक भी डीओ होल्डर हैं, पर हाल ही में सीसीएल का मगध व आम्रपाली कोल ब्लॉक भी खुलने से डीओ होल्डर वहां से कोयला लेना ज्यादा पसंद कर रहे थे.
कारण था कि जेएसएमडीसी की दर 1240 रुपये प्रति टन थी. जबकि उस समय सीसीएल के कोयले की दर 900 से 1100 रुपये प्रति टन थी. दोनों की दर में भारी अंतर था. जबकि आम्रपाली और सिकनी के कोयले का ग्रॉस कैलोरी वैल्यू (जीसीवी) लगभग समान है, यानी एक ही ग्रेड का कोयला दोनों खदानों में है. इसके चलते ग्राहकों को झुकाव सीसीएल की ओर था और इधर कोयले का उठाव नहीं हो रहा था. जेएसएमडीसी प्रबंधन ने सीसीएल की तर्ज पर इ-अॉक्शन का प्रस्ताव किया.
एमएसटीसी को इ-अॉक्शन कराने के लिए नियुक्त किया गया. इ-अॉक्शन में तीनों कंपनियों ने बेस प्राइस पर ही कोयला उठाने पर सहमति दी. बताया गया कि 23 दिसंबर तक ये कंपनियां एडवांस जमा कर देंगी. इसके बाद अगले सप्ताह से इन्हें डीओ दे दिया जायेगा और कोयले का उठाव आरंभ हो जायेगा.
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