कार्यक्रम के दौरान डॉ यादव ने श्रोताअों को बताया कि नी रिप्लेसमेंट वहीं से करायें, जहां इसके लिए बिल्कुल अलग व्यवस्था हो. साथ ही लगातार इससे संबंधित अॉपरेशन होते हों. नयी तकनीक (यूनिकेनडिलर) के माध्यम से अॉपरेशन अौर सटीक हो गया है.
उन्होंने बताया कि जिनकी हड्डी कम उम्र में टूट जाती है अौर हड्डी मजबूत हो, तो उन्हें इस तकनीक के माध्यम से घुटने के दोनों अोर नहीं बल्कि वही हिस्सा अॉपरेट करवाना है, जहां चोट लगी है. डॉ यादव ने कहा कि यदि अॉपरेशन के दौरान हड्डी के साथ मेटल लगाया गया हो, तो उसे बाद में डॉक्टर की सलाह पर निकाल लेना चाहिए. डॉ एसएन यादव से व्यक्तिगत सलाह लेने के लिए रामप्यारी अॉर्थोपेडिक हॉस्पिटल, करम टोली में संपर्क किया जा सकता है.