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पीएजी की रिपोर्ट. 15 साल में झारखंड के एक साल के बजट के बराबर राशि के खर्च पर सवाल, 50737 करोड़ की गड़बड़ी पर चुप्पी

रांची: झारखंड सरकार 50737.32 करोड़ रुपये के खर्च में गड़बड़ी से संबंधित रिपोर्ट पर चुप्पी साधे हुए है. जांच रिपोर्ट में निहित यह राशि सरकार के करीब एक साल के बजट के बराबर है. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) ने राज्य गठन के बाद से मार्च 2015 तक भेजी गयी जांच रिपोर्टों में नियमों परिनियमों के उल्लंघन, गड़बड़ी […]

रांची: झारखंड सरकार 50737.32 करोड़ रुपये के खर्च में गड़बड़ी से संबंधित रिपोर्ट पर चुप्पी साधे हुए है. जांच रिपोर्ट में निहित यह राशि सरकार के करीब एक साल के बजट के बराबर है. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) ने राज्य गठन के बाद से मार्च 2015 तक भेजी गयी जांच रिपोर्टों में नियमों परिनियमों के उल्लंघन, गड़बड़ी व गबन की आशंका जतायी है. सरकार ने जांच रिपोर्टों में उठाये गये बिंदुओं पर काेई जवाब नहीं दिया.
बढ़ती जा रही है अनुत्तरित जांच िरपोर्टों की संख्या : राज्य सरकार द्वारा पीएजी की जांच रिपोर्ट में उठायी गयी आपत्तियों का जवाब नहीं देने के कारण अनुत्तरित जांच रिपोर्टों की संख्या बढ़ती जा रही है. साथ ही इसमें नियम विरुद्ध खर्च, गड़बड़ी, राशि के दुरुपयोग व गबन की अाशंकाओं से संबंधित राशि भी बढ़ती जा रही है.
पीएजी के आंकड़ों के अनुसार, जून 2002 तक राज्य सरकार काे 3218 जांच रिपोर्ट भेजी जा चुकी थी. इन रिपोर्टों में 16712 करोड़ रुपये के खर्च में नियमों का उल्लंघन, गड़बड़ी, राशि का दुरुपयोग, गबन की आशंका सहित अन्य प्रकार की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था. पर, सरकार ने जांच रिपोर्टों में उठाये गये बिंदुओं पर जवाब नहीं दिया. रिपोर्ट पर कार्रवाई की या नहीं, इसकी भी जानकारी महालेखाकार को नहीं दी. मार्च 2015 तक अनुत्तरित जांच रिपोर्टों की संख्या बढ़ कर 4315 हो गयी है. इन रिपोर्टों में 27829 ऑडिट पारा हैं. साथ ही इसमें 50737.32 करोड़ रुपये की राशि शामिल है. मालूम हाे कि चालू वित्त वर्ष का बजट 55492.95 करोड़ रुपये है.
एक माह में पीएजी को जवाब भेजने का है नियम : पीएजी की ऑडिट टीम द्वारा ऑडिट के दौरान नियमों के उल्लंघन सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित कार्यालय के सक्षम अधिकारी से गड़बड़ी के बिंदु पर उनका पक्ष जाना जाता है. संबंधित सरकारी अधिकारी का पक्ष संतोषप्रद या नियम सम्मत नहीं पाये जाने पर ऑडिट के दौरान पायी गयी गड़बड़ी से संबंधित जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है. रिपोर्ट वित्त व संबंधित विभाग के अफसरों को भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट में उठायी गयी आपत्तियों पर संबंधित विभाग को एक माह के अंदर पीएजी को जवाब भेजने का नियम है.
एेसे बढ़ती गयी राशि
(करोड़ में)
रिपोर्ट की अवधि राशि
जून 2003 तक 1677.38
जून 2004 तक 3416.70
जून 2005तक 3708.56
जून 2009 तक 7705.91
जून 2010 तक 7676.65
जून 2011 तक 11500.30
जून 2012 तक 9794.39
जून 2013 तक 10977.96
जून 2014 तक 12704.36
मार्च 2015 तक 50737.32

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