ग्रामीणों का कहना है कि चावल मिल से निकला कचरा इतना खतरनाक होता है कि आंख में पड़ने के बाद लोग कई दिनों तक परेशान रहते हैं और आंखों में सूजन हो जाती है. धान की छाई (जला हुआ भूसा) उड़ कर घरों की छत, आंगन में पड़ती है, जिससे वहां मोटी परत जम जाती है. घर के बाहर कपड़ा सुखाना काफी महंगा पड़ता है. ग्रामीणों ने मिल प्रबंधन के साथ बैठक कर चेतावनी दी है कि 72 घंटे के अंदर प्रदूषण को राेकें, नहीं तो बांधटोली और आसपास के ग्रामीण और महिला समिति मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर धरना पर बैठेंगें.
गांव के मुखिया पंचम प्रेम किस्पोटा, जलेश्वर महतो, दिगेश्वर साहू, रोहित साहू, मुस्ताक अंसारी, सरजू साहू, राजेश महतो, इस्माइल अंसारी ने बताया कि छाई के उड़ने से क्षेत्र के लोगों में आंख की बीमारी बढ़ रही है तथा मिल आवाज से लोगों में सुनने की क्षमता कम होती जा रही है. मिल प्रबंधन इन समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान करे. मिल प्रबंधन ने इसके समाधान का आश्वासन दिया.