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विपक्ष ही नहीं, पक्ष के विधायकों ने भी सिस्टम पर उठाये सवाल

रांची: विधानसभा में सोमवार को खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर विशेष चर्चा का आयोजन किया गया. इसमें पक्ष-विपक्ष के 18 विधायकों ने हिस्सा लिया. सत्ता पक्ष व विपक्षी दलों के विधायकों ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए इसे ध्वस्त करार दिया. चर्चा के दौरान विधायकों ने राशन कार्ड की त्रुटियों को दूर […]

रांची: विधानसभा में सोमवार को खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर विशेष चर्चा का आयोजन किया गया. इसमें पक्ष-विपक्ष के 18 विधायकों ने हिस्सा लिया. सत्ता पक्ष व विपक्षी दलों के विधायकों ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए इसे ध्वस्त करार दिया. चर्चा के दौरान विधायकों ने राशन कार्ड की त्रुटियों को दूर करने के लिए कई सुझाव दिये.

झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि देश के लगभग सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर दिया गया है. झारखंड सरकार की ओर से इसे लागू करने में विलंब किया गया. सरकार की उदासीनता की वजह से राज्य 16 लाख टन अनाज पाने से वंचित रह गया. झारखंड में यह अधिनियम जरूरी है. यहां पर 10 से 15 प्रतिशत योग्य लोगों को कार्ड नहीं मिल पाया है.

वहीं दूसरी तरफ एक-एक व्यक्ति के नाम पर 50-50 कार्ड बन गये हैं. यहां पर मिड-डे मिल और रेडी टू इट की स्थिति सही नहीं है. ऐसे में सरकार को अविलंब त्रुटियों को दूर कर गरीबों का हक दिलाना चाहिए. विधायक अनंत ओझा ने कहा कि डिलिवरी सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में खाद्य सुरक्षा बिल लागू कर दिया है. कार्ड बनाने में त्रुटि होने की वजह से तीन माह से लोगों को केरोसिन नहीं मिला है. वहीं दूसरी तरफ सरकार के सचिव इसे भी अपनी उपलब्धि बता रहे हैं. विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि कई लोग गांवों में लोन लेकर चार पहिया वाहन खरीदे हैं. इस वजह से उनका कार्ड नहीं बन पा रहा है.

विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि जब तक नीचले स्तर तक सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जायेगा, गरीबों को लाभ नहीं मिल पायेगा. विधायक अशोक कुमार ने निगरानी टीम से इसकी मॉनिटरिंग कराने की मांग की. विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि गरीब छूटे नहीं, अमीर जुटे नहीं इस तर्ज पर सरकार को काम करना चाहिए. विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पात्रों व डिलिवरी सिस्टम में त्रुटियों को अविलंब दूर किया जाना चाहिए. विधायक विमला प्रधान ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में कार्ड बनाने में हुई त्रुटियों पर ध्यान आकृष्ट कराया.
विधायक राज कुमार यादव ने डीलरों का सम्मानजनक मानदेय तय करने, अन्नपूर्णा योजना के लाभुकों को 20 किलो अनाज देने के साथ-साथ जनसुनवाई कर लाभुकों के नाम जोड़ने का आग्रह किया.
एपीएल के साथ सभी लोगों का बनेगा राशन कार्ड
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्य के सभी परिवारों को केरोसिन तेल दिया जायेगा. एपीएल के साथ-साथ सभी परिवारों का राशन कार्ड बनवाया जायेगा. एपीएल और दूसरे कार्ड का रंग अलग-अलग होगा, ताकि इसकी पहचान की जा सके. सरकार ने राशन कार्ड की विसंगतियों को दूर करने और योग्य लोगों को सूची में शामिल करने के लिए कट ऑफ डेट 30 दिसंबर से बढ़ा कर 31 जनवरी कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके बावजूद अगर योग्य लोगों के नाम एपीएल सूची में शामिल नहीं हो पाये, तो उन्हें मौका दिया जायेगा. अयोग्य लोगों का नाम सूची से हटाया जायेगा. सरकार का जवाब देते हुए श्री राय ने कहा कि अधिनियम में किये गये प्रावधान के तहत गर्भवती महिलाओं को छह माह तक एक-एक हजार रुपये का भुगतान किया जायेगा. खाद्य आयोग का गठन हो गया है. योग्य व्यक्तियों के चयन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर मुख्य सचिव के स्तर से आदेश जारी कर अधिकारियों को मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है.

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