झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि देश के लगभग सभी राज्यों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर दिया गया है. झारखंड सरकार की ओर से इसे लागू करने में विलंब किया गया. सरकार की उदासीनता की वजह से राज्य 16 लाख टन अनाज पाने से वंचित रह गया. झारखंड में यह अधिनियम जरूरी है. यहां पर 10 से 15 प्रतिशत योग्य लोगों को कार्ड नहीं मिल पाया है.
वहीं दूसरी तरफ एक-एक व्यक्ति के नाम पर 50-50 कार्ड बन गये हैं. यहां पर मिड-डे मिल और रेडी टू इट की स्थिति सही नहीं है. ऐसे में सरकार को अविलंब त्रुटियों को दूर कर गरीबों का हक दिलाना चाहिए. विधायक अनंत ओझा ने कहा कि डिलिवरी सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. विधायक योगेंद्र महतो ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में खाद्य सुरक्षा बिल लागू कर दिया है. कार्ड बनाने में त्रुटि होने की वजह से तीन माह से लोगों को केरोसिन नहीं मिला है. वहीं दूसरी तरफ सरकार के सचिव इसे भी अपनी उपलब्धि बता रहे हैं. विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि कई लोग गांवों में लोन लेकर चार पहिया वाहन खरीदे हैं. इस वजह से उनका कार्ड नहीं बन पा रहा है.
विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि जब तक नीचले स्तर तक सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जायेगा, गरीबों को लाभ नहीं मिल पायेगा. विधायक अशोक कुमार ने निगरानी टीम से इसकी मॉनिटरिंग कराने की मांग की. विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि गरीब छूटे नहीं, अमीर जुटे नहीं इस तर्ज पर सरकार को काम करना चाहिए. विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पात्रों व डिलिवरी सिस्टम में त्रुटियों को अविलंब दूर किया जाना चाहिए. विधायक विमला प्रधान ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में कार्ड बनाने में हुई त्रुटियों पर ध्यान आकृष्ट कराया.