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पहले की सभी सरकारों से बेहतर हो रहा काम : चंद्रप्रकाश

झारखंड में पानी की कमी गंभीर मुद्दा है. सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर पर हरसंभव उपाय कर रही है. पर, लोगों को भी बूंद-बूंद पानी का महत्व समझना होगा. वाटर हार्वेस्टिंग जलसंकट से निबटने के लिए कारगर उपाय साबित हो सकता है, बशर्ते घर-घर में लोग वाटर हार्वेस्टिंग करवायें. झारखंड में सिंचाई योजनाओं […]

झारखंड में पानी की कमी गंभीर मुद्दा है. सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर पर हरसंभव उपाय कर रही है. पर, लोगों को भी बूंद-बूंद पानी का महत्व समझना होगा. वाटर हार्वेस्टिंग जलसंकट से निबटने के लिए कारगर उपाय साबित हो सकता है, बशर्ते घर-घर में लोग वाटर हार्वेस्टिंग करवायें. झारखंड में सिंचाई योजनाओं की स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं है. पर, सरकार इस दिशा में अभी तेजी से काम कर रही है. डैम का निर्माण व नदियों को जोड़ने का काम युद्धस्तर पर हो रहा है. यह बात राज्य के जल संसाधन व पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कही. उनसे वरीय संवाददाता विवेक चंद्र ने बातचीत की.
आप 2005 से लगातार मंत्री रहे हैं. रघुवर सरकार की टीम के साथ काम का अनुभव कैसा रहा?
बहुत बढ़िया. मैं कह सकता हूं कि बेहतरीन नेतृत्व में काम कर रहा हूं. गंठबंधन धर्म का निर्वहन बहुत अच्छे से हो रहा है. भ्रष्टाचार कम हुआ है. विकास कार्यों की रफ्तार में तेजी आयी है. इस सरकार में पहले से अच्छा काम हो रहा है.
कोई काम नहीं कर पाने का मलाल ?
काम कर रहा हूं. मलाल जैसी बातों के लिए अभी समय नहीं है. अभी तो पुरानी योजनाओं में ही लगा हूं. उनको प्राथमिकता के साथ पूरा कर रहा हूं. बंद पड़ी याेजनाओं को चालू कर रहा हूं. लातेहार में मंडल डैम, कोनार सिंचाई परियोजना जैसी परियोजनाओं को चालू करना है. अधूरी पड़ी 27 अलग-अलग सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना है. इन्हीं सब में लगा हुआ हूं.
एक साल में आपके विभागों ने क्या किया ?
कई काम हुए. जल संसाधन विभाग में कुल बजट का 84 प्रतिशत और पेयजल स्वच्छता विभाग में कुल बजट का 95 फीसदी खर्च हो चुका है. राज्य में 294 लिफ्ट एरिगेशन का सर्वे किया जा रहा है. सिंचाई के लिए आयोग का गठन किया जा रहा है. लघु सिंचाई परियोजनाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. सिंचाई क्षमता बढ़ा कर 30 से 50 फीसदी की जा रही है. रेलवे और औद्योगिक घरानों पर बकाये 2680 करोड़ रुपये वसूलने के लिए सख्त कदम उठाये गये हैं. डैम निर्माण का काम प्रगति पर है. 600 पंचायतों में तीन लाख शौचालय निर्माण प्रगति पर है. पूरे राज्य में जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी गयी है. पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है.
आपके विभाग ने ज्यादातर पुरानी योजनाओं पर ही काम किया है. नयी स्वीकृत नहीं हो रही हैं?
ऐसा नहीं है. हम पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं. चेक-डैमों को पूरा किया जा रहा है. दशकों से चल रही सिंचाई योजनाओं को हम धरातल पर उतारना चाहते हैं. पुरानी योजनाएं अगर जमीन पर आ जायें, तो आधी से ज्यादा समस्या खत्म हो जायेंगी. वैसे, नयी योजनाओं पर भी काम हो रहा है, लेकिन उसकी प्रक्रिया लंबी है. घाघरा एवं मयूराक्षी जलाशय योजना को प्रशासनिक मंजूरी दी जा चुकी है.

राज्य की आठ नदियों को जोड़ने पर काम चल रहा है. गुमला में दक्षिण कोयल और शंख नदी को आस्ट्रेलिया की मर्रे डार्लिंग की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. राज्य के सभी नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में भी शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की योजना तैयार है. लेकिन, इन सब कार्यों को जमीन पर उतारने में थोड़ा समय लगेगा.
जल संसाधन और पेयजल स्वच्छता मंत्री के रूप में पूरे राज्य का पानी आप के ही पास है. ठंड में पानी की राशनिंग के जिम्मेदार भी आप ही हैं ?
पानी की कमी गंभीर मुद्दा है. इस पर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. सरकार अपना काम कर रही है. भविष्य में दिक्कत नहीं होने देने के लिए प्रयास किया जा रहा है. जल नीति का प्रारूप तैयार किया है. छोटे जलाशयों के लिए हर विधानसभा क्षेत्र को 50-50 लाख रुपये दिये जा रहे हैं. रांची में रुक्का, कांची और तजना नदी का पानी लाने की योजना पर काम किया जा रहा है.

पुराने डैमों से गाद हटाया जा रहा है. डैमों को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश दिये गये हैं. वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया है. जल प्राधिकार और जल नदी प्राधिकार के गठन की योजना है. अवैध बोरिंग को प्रतिबंधित किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि आनेवाले समय में राज्य में कहीं भी पानी की राशनिंग करने की जरूरत नहीं पड़े.
राज्य के कई हिस्सों में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की अत्याधिक मात्रा वाला पानी है. वहां शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये कोई काम हो रहा है?
बिल्कुल. अशुद्ध पेयजल की समस्या वाले क्षेत्रों के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की योजना है. इस राशि से जहरीले पानी वाले क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. वहां पाइप लाइन के जरिये पानी पहुंचाया जायेगा. कई जगहों पर वाटर प्यूरीफायर भी लगाये जायेंगे. अगले एक साल के अंदर यह काम हो जायेगा.
स्वच्छ भारत और नमामि गंगे जैसी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाएं आपके विभाग के पास ही हैं. उनका क्या हाल है?
दोनों योजनाओं पर सरकार पूरी तरह गंभीर है. संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय की गुणवत्ता का पूरा ध्यान देते हुए निर्माण कराया जा रहा है. गांव को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए ग्रामीण स्तर पर ही योजनाएं बनायी जा रही हैं. 600 से ज्यादा पंचायतों में तीन लाख शौचालयों का निर्माण प्रगति पर है. इसी तरह नमामि गंगे परियोजना में साहेबगंज देश का मॉडल होगा. इसके लिये काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. केंद्र से मिलने वाले एक-एक पैसे का सदुपयोग किया जा रहा है. मैं खुद कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहा हूं. स्थल निरीक्षण भी किया है.
कार्य विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर होता है. आपके पास भी कार्य विभाग ही है?
भ्रष्टाचार पर सरकार गंभीर है. सरकार के कार्यों से यह अब तक सबको पता चल गया है. गंभीर आरोप झेल रहे लगभग सभी अफसरों, अभियंताओं पर कार्रवाई हो रही है. सूचना मिलते ही कठोरतम कार्रवाई की जा रही है. सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी गठित किया है. मैंने अपने विभागों में भ्रष्टाचार खत्म करने की चेतावनी के तौर पर कई अभियंताओं पर कार्रवाई की है. वर्षों से एक ही जगह पर जमे अफसरों और अभियंताओं का तबादला किया है. टेंडर कमेटी का गठन किया है. ऑनलाइन टेंडर आयोजित करा रहा हूं. टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत होने पर भी उसे स्थगित करा कर दोबारा टेंडर करा रहा हूं. इन सबके अलावा भ्रष्टाचार की शिकायत सुनने के लिए हर समय मौजूद हूं. लोग शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई होगी.

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