रांची: कांटाटोली बस स्टैंड एजेंटों और ट्रैफिक पुलिस की कमाई का अड्डा बन गया है. चौक को जाम करने में खादगढ़ा बस स्टैंड के एजेंटों और ट्रैफिक पुलिस का अहम रोल रहता है. स्टैंड के ठेकेदार अपने एजेंटों के जरिए टाटा रोड में बस स्टैंड से निकलेवाली बसों को रोक कर वसूली करते हैं. यहां एजेंट सवारियों के हिसाब से वसूली करते हैं. व्यस्ततम सड़क पर रुके वाहनों में सवारियों को चढ़ाया-उतारा जाता है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि एजेंटों द्वारा की गयी वसूली का एक हिस्सा ट्रैफिक पुलिस को भी जाता है. यही वजह है कि चौराहे पर तैनात पुलिस सड़क पर खड़ी बसों पर कार्रवाई नहीं करती.
संरक्षण देती है पुलिस : कांटाटोली चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस बस एजेंटों को संरक्षण देती है. कांटाटोली चौक पर ट्रैफिक पुलिस केवल वीआइपी मूवमेंट के दौरान जाम नहीं लगने देते. जब वीआइपी मूवमेंट की खबर नहीं होती, तब ट्रैफिक पुलिस को जाम से कोई मतलब नहीं रहता है. कई बार एजेंट खुद कांटाटोली चौक की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने लगते हैं.
बस ऑनर भी डरते हैं एजेंटों से: शहर को जाम मुक्त करने में बस ऑनर भी अपनी सहभागिता निभाना चाहते हैं, परंतु उन्हें डर लगा रहता है कि बस के रोके जाने का वे अगर विरोध करें, तो संभव है कि ये एजेंट बस चालक व कंडक्टर के साथ र्दुव्यवहार करे. इसलिए बस संचालक भी यहां के ठेकेदार व एजेंट के दिशा निर्देशानुसार चुपचाप काम करते हैं.