रांची: राज्य में मध्याह्न् भोजन के संचालन को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का सही से पालन नहीं किया जाता. मध्याह्न् भोजन के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम फेल हो गया है. प्रखंड व जिला स्तर पर गठित कमेटी की बैठक समय पर नहीं होती. कमेटी अपनी रिपोर्ट भी नहीं देती.
प्रखंड स्तर पर गठित कमेटी के अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी होते हैं. अंचल अधिकारी, आपूर्ति निरीक्षक सदस्य व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सदस्य सचिव होते हैं. जिला स्तर पर गठित कमेटी में उपायुक्त अध्यक्ष होते हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सजर्न, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (नगर निगम) राज्य खाद्य निगम के प्रतिनिधि, भारतीय खाद्य निगम के प्रतिनिधि सदस्य व जिला शिक्षा अधीक्षक सदस्य सचिव होते हैं.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप जिला शिक्षा अधीक्षक, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. पदाधिकारी को मध्याह्न् भोजन का निरीक्षण प्रतिवेदन भी देने को कहा गया है. मिली जानकारी के अनुसार समय पर निरीक्षण प्रतिवेदन जमा नहीं किया जाता.
मध्याह्न् भोजन की खाद्य सामग्री को लेकर निर्देश
अनिवार्य रूप से आयोडिन युक्त नमक का प्रयोग किया जाये.
सुरक्षित सीलबंद डब्बों वाला तेल इस्तेमाल करें.
भोजन सामग्री (दाल-सब्जी) साफ व ताजी हो.
दाल व मसालों को एक साथ 15 दिनों के लिए ही क्रय करें
खाद्य व गैर खाद्य सामग्री को एक साथ भंडारित नहीं किया जाये.
बच्चे कैसे करें भोजन
प्रतिदिन भोजन के पूर्व बच्चे साबुन से हाथ धोकर भोजन करें.
भोजन वितरण के समय बच्चे कतारबद्ध हो, इसकी निगरानी शिक्षक करें.
बच्चे साफ स्थान पर पंक्ति में बैठ कर भोजन करें.
प्रत्येक 100 बच्चे पर अलग से भोजन वितरण की व्यवस्था हो.