10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपने उद्देश्य में विफल रहा है वन अधिकार अधिनियम

रांची. वन अधिकार अधिनियम (एफआरए)-2006 अब तक अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया है. जिनके संरक्षण के लिए इसका गठन किया गया था, उस पर अब तक बहुत काम नहीं हो पाया है. आदिवासी और जंगल बहुल राज्यों में इसकी स्थिति ठीक नहीं है. झारखंड को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए इससे […]

रांची. वन अधिकार अधिनियम (एफआरए)-2006 अब तक अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाया है. जिनके संरक्षण के लिए इसका गठन किया गया था, उस पर अब तक बहुत काम नहीं हो पाया है. आदिवासी और जंगल बहुल राज्यों में इसकी स्थिति ठीक नहीं है. झारखंड को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए इससे जुड़े विभागों का तालमेल जरूरी है.

उक्त बातें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय उपाध्याय ने भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए वन अधिकार अधिनियम पर आयोजित कार्यशाला में कही. बुधवार को होटल बीएनआर में इसका आयोजन वन विभाग के महिलौंग स्थित प्रशिक्षण संस्थान ने किया. अधिवक्ता श्री उपाध्याय ने कहा कि इस अधिनियम के लिए वन विभाग, भू-राजस्व विभाग, कल्याण विभाग व पंचायती राज विभाग में तालमेल की जरूरत है. इसकी कमी यहां दिखती है. इस मामले में ओड़िशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अच्छा काम कर रहे हैं. पीसीसीएफ बीसी निगम ने कहा कि इस अधिनियम को लागू करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है.

वन में रहने वालों को उनका अधिकार मिलना चाहिए. इसमें आनेवाली परेशानियों को दूर करने के लिए विभागीय तालमेल के साथ अधिकारियों को काम करना चाहिए. रिसोर्स पर्सन के रूप में वसुंधरा नामक संस्था के गिरिराव, पैक्स के जॉन भी मौजूद थे. अतिथियों का स्वागत प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एसआर नटेस तथा धन्यवाद ज्ञापन एसीएफ परमात्मा सिंह ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें