सभी प्राणियों से प्रेम करें: महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जीवरीय संवाददाता, रांचीमहामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जी ने कहा कि सभी प्राणियों से प्रेम करना चाहिए. तभी भगवान खुश होते हैं. साधक जब ईश्वर दर्शन के लिए साधना करते हैं. जब दर्शन पक्का हो जाता है, तो साधक को समस्त प्राणियों के अंदर मनुष्य दिखते हैं. यह अभेद अनुभूति की वजह से होती है. स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी जी मंगलवार को मातृकाश्रम में भक्तों के बीच प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने कहा कि सबके अंदर भगवान हैं. इसलिए हमें सभी से प्रेम करना चाहिए. गरीबों की सेवा करें व अन्नदान भी दें. ब्रह्मचारी सुगंध चैतन्य ने कहा कि जब तक शरीर के साथ हम जुड़े हैं, तब तक भगवान को पहचान नहीं सकेंगे. भगवान को पहचानने के लिए भी भगवान की कृपा चाहिए. कार्यक्रम में माता परीप्राजिका महता तटस्थापुरी जी ने कहा कि समर्पण करते समय ‘यह मेरा नहीं है’ ऐसा कहकर यज्ञ में त्याग की भावना के साथ समर्पण करना चाहिए. सभी प्राणियों के हित के लिए कर्म करना यज्ञ कहलाता है. डॉ यादवेंद्र सिंह ने कहा कि फलाशक्ति विसर्जन करके जो कर्म किया जाता है उसमें चित्त शुद्ध होता है. निष्काम कर्म से मन दिव्य हो जाता है. इससे बंधन नहीं होता. निष्काम कर्म मुक्ति तक ले जाता है. मौके पर काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे. नौ दिसंबर को सुबह नौ बजे से 11 बजे तक स्वाध्याय होगा. 12 बजे से भंडारा का आयोजन किया जायेगा. शाम पांच बजे से प्रवचन का कार्यक्रम होगा.
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सभी प्राणियों से प्रेम करें: महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जी
सभी प्राणियों से प्रेम करें: महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जीवरीय संवाददाता, रांचीमहामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जी ने कहा कि सभी प्राणियों से प्रेम करना चाहिए. तभी भगवान खुश होते हैं. साधक जब ईश्वर दर्शन के लिए साधना करते हैं. जब दर्शन पक्का हो जाता है, तो साधक को समस्त प्राणियों के अंदर मनुष्य दिखते हैं. […]
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