रांचीः स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्मशती वर्ष के अवसर पर बुधवार को मोरहाबादी स्थित श्रीरामकृष्ण मिशन आश्रम में दो दिवसीय राज्यस्तरीय युवा सम्मेलन शुरू हुआ. इसका विषय ‘चारित्रिक निर्माण और शिक्षा का महत्व है’. सम्मेलन का उद्घाटन राज्य के गृह सचिव एनएन पांडेय ने किया. सम्मेलन के पहले दिन युवाओं में चारित्रिक मूल्यों को अपनाने पर बल दिया गया.
मौके पर गृह सचिव श्री पांडेय ने कहा कि आज हम अपने मूल्यों को छोड़ते जा रहे हैं और नये मूल्यों की स्थापना नहीं हो रही है. ये जरूरी है कि हम अपने पुरातन मूल्यों को छोड़ें लेकिन, आचरण सम्मत मूल्यों को भी अपनाये ताकि,समाज में विकृतियां न आये. ऐसा नहीं हुआ तो विकृतियां बढ़ती जायेंगी. उन्होंने स्वामी विवेकानंद को युवाओं की शक्ति बताते हुए उनके आदर्शो को अपनाने की बात कही. सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे श्री रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी शशांकानंद जी ने कहा कि आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है.
युवाओं में भटकाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. माता-पिता व गुरुओं की उपेक्षा हो रही है. हम भले ही चांद पर चलना सीख गये हैं लेकिन पृथ्वी पर चलना भूल गये हैं. ऐसे में युवाओं में स्वामी विवेकानंद के आदर्शो के प्रति रुझान पैदा करनी होगी. उनके आदर्शो को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है. दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए स्वामी सर्वलोकानंद जी ने कहा कि परिवर्तन होना चाहिए. शाश्वत ही एक ऐसी चीज हैं, जिसमें बदलाव नहीं होता. सहिष्णुता व सेवा परायणता का परिवर्तन नहीं होता. डॉ टीजीके मूर्ति ने कहा कि रोमांच (एडवेंचर) के लिए महिलाओं को दृढ़ होना जरूरी है. लक्ष्य निर्धारित कर उस पर सही से जज्बा के साथ आगे बढ़ना चाहिए. हमारे देश की महिलाएं लोगों के लिए मिसाल है. कल्पना चावला महिलाओं के लिए मॉडल है. महिलाओं को अपने आपको मजबूत बनाना होगा.
मौके पर कई गणमान्य लोगों सहित काफी संख्या में स्कूल व कॉलेजों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.