भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पित संताल समाजकरनडीह : संताली अकादमी और जाहेरथान के बैनर तले संताली कार्यक्रम आयोजित5 संताली 1, 5 संताली 2उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर साहित्य अकादमी नयी दिल्ली तथा जाहेरथान कमेटी जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को करनडीह स्थित दिशोम जाहेर में तीन संताली कार्यक्रम (संताली रचना पाठ, मुलाकात तथा कविझ्रअनुवादक) का आयोजन किया गया. समारोह में झारखंड, बंगाल, ओड़शिा और दिल्ली से ढाई सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रर्दशनी भी (दिशोम जाहेर परिसर में) लगायी गयी. कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादमी के विशेष कार्याधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार देवेश ने स्वागत संबोधन में भारतीय भाषाओं एवं साहित्य के विकास के लिए अकादमी द्वारा संचालित योजनाओं और गतिविधियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने संताली भाषा और संस्कृति के प्रति संताल समाज के समर्पण और संलग्नता को दूसरे भाषाझ्रसमाज के लिए अनुकरणीय बताया. संताली रचना पाठ का कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित हुआ. कहानी- पाठ और कविता-पाठ. कहानी पाठ सत्र की अध्यक्षता अकादमी में संताली भाषा परामर्श मंडल के संयोजक आसिद्ध संताली साहित्यकार श्री गंगाधर हांसदा ने की. इस सत्र में मांगत मुर्मू, सलखू मुर्मू और लखीनारायण हांसदा ने अपनी संताली कहानियां ..गालती ताहेंनता ओकारे, तिरय वाक जीयन काहनी.. एवं …हारियर खन हेंदे का पाठ किया. कविता पाठ सत्र की अध्यक्षता जाहेरथान कमेटी के महासचिव सीआर माझी ने की. इस सत्र में गोविंद चंद्र माझी, दुगाई टुडू, दुर्गा आसाद मुर्मू, श्याम चरण टुडू और गणेश मांडी ने संताली कविता पाठ किया. भोजनोपरांत मुलाकात कार्यक्रम युवा लेखकों को समर्पित रहा. जोबा मुर्मू की अध्यक्षता में इस सत्र में जहां शंकर सोरेन और परिमल हांसदा ने अपनी कहानियों का पाठ किया, वहीं चिन्मयी हांसदा, सतीलाल मुर्मू एवं मनोज हांसदा ने अपनी कविताओं का पाठ किया. कविझ्रअनुवादक कार्यक्रम में प्रतिष्ठित संताली कवि मदन मोहन सोरेन ने अपनी कविताओं का पाठ किया और फिर उन्हीं कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद भी साथझ्रसाथ प्रस्तुत किया. अर्जुन चरण हेंब्रम द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित सोरेन की कविताओं का पाठ उनकी अनुपस्थिति में ताला टुडू और राम स्वरुप सोरेन द्वारा किया गया. कार्यक्रमों का संचालन गंगाधर हांसदा द्वारा किया गया. अंत में जाहेरथान कमेटी के सहायक महासचिव रवींद्रनाथ मुर्मू ने कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थिति संताली समाज की उपस्थिति पर संतोष जाहिर किया. ओलचिकी लिपि सिखाने वाले अमित तिर्की एवं शिवशंकर कांडयंग ने भी अपने विचार व्यक्त किये.22-24 तक करनडीह में राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलनआदिवासी सेंगेल अभियान करेगा आयोजितउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर आदिवासी सेंगेल अभियान 22-24 दिसंबर को करनडीह में राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. ‘एकता और सफलता के लिए बढ़ते कदम’ शीर्षक से आयोजित हो रहे सम्मेलन के संबंध में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि सम्मेलन के समापन दिवस के अवसर पर परिचर्चा को आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सशक्तीकरण के उपायों पर केंद्रित किया जायेगा. 24 दिसंबर 1996 पेसा (पंचायत) कानून का स्थापना दिवस भी है. समापन दिवस में पेसा कानून, पांचवी अनुसूची, महिला सशक्तीकरण, माझी परगना व्यवस्था में क्वालिटिटिव और जनतांत्रिक सुधार, वोट खरीदने-बेचने, एमएलए/एमपी और अन्य जन प्रतिनिधयों की जिम्मेदारी आदि पर सुधार के सीधे-सीधे ठोस उपाय और आइडिया के साथ परिचर्चा को सार्थक बनाया जा सकता है. समापन के दिन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी मुख्य अतिथि होंगे. इसके अलावा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को भी समापन दिवस के लिए आमंत्रित किया गया है.
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भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पित संताल समाज
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