अमेरिका में हड़ताल नहीं कर सकते डॉक्टररांची़ विदेशों में मरीज हित का ज्यादा ख्याल रखा जाता है. अमेरिका में डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते़ उन पर कानूनी कार्रवाई तक हो जाती है. डॉक्टरों की कोई यूनियन नहीं है. यदि किसी डॉक्टर को विरोध करना है, तो वह अपना चेंबर कुछ समय के लिए बंद कर सकता है. यह बातें रिम्स के स्टूडेंट और यूएसए के न्यू जर्सी स्थित मोनमाउथ मेडिकल सेंटर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अविनाश गुप्ता ने प्रभात खबर संवाददाता राजीव पांडेय से विशेष बातचीत में कहीं. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश.क्या यूएसए में आम बात पर डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते हैं ? अमेरिका में डॉक्टरों को यह पता ही नहीं होता है कि मेडिकल में हड़ताल भी कोई शब्द है. वहां डॉक्टरों की कोई यूनियन नहीं होती है. हड़ताल कर अस्पताल बंद नहीं सकते. मुझे याद है कि जब अपनी मांगों को लेकर हम लोगों ने तीन दिनों तक विरोध किया था, लेकिन हड़ताल पर नहीं गये. अफसोस की बात है कि अपने देश में छोटी-छोटी समस्या पर डॉक्टर हड़ताल कर देते हैं. अस्तपाल की आवश्यक सेवाएं बंद कर देते हैं. मरीज अस्पताल से असहाय होकर लौटने को विवश होते हैं, लेकिन वहां ऐसा नहीं हो सकता है. इस पर सख्ती है.अमेरिका में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की क्या भूमिका है? उन्हें कितनी छूट मिली है?मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को बहुत छूट नहीं है. वह निर्धारित नियमों का पालन करते हैं. कोई एमआर किसी डॉक्टर को गिफ्ट नहीं दे सकता है. यदि कोई डॉक्टर गिफ्ट लेता है, तो उसका लाइसेंस तक रद्द हो सकता है. एमआर फूड पैकेट लेकर आ सकते हैं. फूड पैकेट खाने के दौरान ही वह अपने प्रोडक्ट की जानकारी देते हैं. भारत में एमआर को बहुत छूट मिली हुई है. वह बेझिझक डॉक्टर से मिलते हैं. किसी प्रकार की कार्रवाई का भय नहीं है. आप हृदय रोग विशेषज्ञ है, दिल को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है?हृदय को स्वस्थ रखना अपने हाथ में है. हम चार चीज का ख्याल रखें, तो दिल स्वस्थ रह सकता है. ब्लड प्रेशर सामान्य हो. सुगर निर्धारित मानक पर हो. कोलेस्ट्रोल कम हो. धूम्रपान का त्याग करें, तो हृदय की बीमारी नहीं हो सकती है. हृदय की बीमारी भारत में कम उम्र में होती है, जबकि यही बीमारी अमेरिका में अधिक उम्रवाले को होती है. अमेरिका में सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसमें आपका क्या रोल है?सिद्धिविनायक टेंपल ऑफ यूएसए और इंडियन कम्युनिटी सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. दो फेज में काम होना है. पहले फेज का काम पूरा हो गया है. दूसरे फेज का काम पांच साल में पूरा हाे जायेगा. मंदिर निर्माण पर करीब दो मिलियन डाॅलर खर्च होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मंदिर का भ्रमण कर चुके हैं.
BREAKING NEWS
अमेरिका में हड़ताल नहीं कर सकते डॉक्टर
अमेरिका में हड़ताल नहीं कर सकते डॉक्टररांची़ विदेशों में मरीज हित का ज्यादा ख्याल रखा जाता है. अमेरिका में डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते़ उन पर कानूनी कार्रवाई तक हो जाती है. डॉक्टरों की कोई यूनियन नहीं है. यदि किसी डॉक्टर को विरोध करना है, तो वह अपना चेंबर कुछ समय के लिए बंद […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement