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कार्यक्रम: बोले नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, अपने लक्ष्य से भटक गया है आवास बोर्ड

रांची: राज्य के आवास सह नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि आवास बोर्ड उद्देश्यों को पूरा करने में विफल हो गया है. बने हुए आवास और दुकान को आवास बोर्ड आवंटित तक नहीं कर पा रहा है. ऐसे में 2022 तक सबको घर दिलाने का लक्ष्य मुश्किल है. राज्य को आगे बढ़ाने […]

रांची: राज्य के आवास सह नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि आवास बोर्ड उद्देश्यों को पूरा करने में विफल हो गया है. बने हुए आवास और दुकान को आवास बोर्ड आवंटित तक नहीं कर पा रहा है. ऐसे में 2022 तक सबको घर दिलाने का लक्ष्य मुश्किल है. राज्य को आगे बढ़ाने और सबको आवास उपलब्ध कराने के लिए निजी सहयोेग, विशेष रूप से बिल्डर और आर्किटेक्ट की मदद अपेक्षित है.

श्री सिंह सीसीएल दरभंगा हाउस के विचार मंच में अफोर्डेबल अरबन हाउसिंग विषय पर आयोजित चर्चा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा : झारखंड सबको आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य से काफी पीछे है. ऐसे में अफोर्डेबल हाउसिंग काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. सरकार का उद्देश्य वैसे लोगों को प्राथमिकता के साथ आवास उपलब्ध कराना है, जो छोटी नौकरियां करते हैं.

फुटपाथ पर काम करते हैं. ठेला-खोमचा लगाते हैं. अफोर्डेबल अरबन हाउसिंग सरकारी नौकरी करने वालों के लिए नहीं है. अफोर्डेबल अरबन हाउसिंग लोगों के परिवहन और आवासीय सुविधाओं को ध्यान में रख कर तैयार किया जा रहा है. इसके लिये बिल्डिंग बाइलॉज में भी आवश्यक परिवर्तन किये गये हैं.

नगर विकास सचिव अरुण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार समस्याओं को दूर करते हुए आधारभूत संरचना विकसित करने और सबको आवास उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. लैंड परचेज पॉलिसी बनाया जा रहा है. लैंड बैंक से ही हाउसिंग फॉर ऑल की योजना को कार्यरूप दिया जा सकता है.

श्री सिंह ने समारोह में मौजूद बिल्डरों व आर्किटेक्टों से पांच दिन के अंदर लिखित सुझाव देने का आग्रह किया, जिससे सबको आवास देने के लक्ष्य पर तेजी से काम आगे बढ़ाया जा सके. चर्चा में क्रेडाई के कुमुद झा, राजीव चड्डा, आरपी घोष, चंद्रकांत रायपत समेत शहर के कई प्रमुख बिल्डर व आर्किटेक्ट मौजूद थे.
चर्चा में क्या-क्या मिले सुझाव
अफोर्डेबल अरबन हाउसिंग पॉलिसी के तहत किये जाने वाले निर्माण के लिए अलग बिल्डिंग बाइलॉज हो
अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए भवन बनाने वाले बिल्डर को आयकर या अन्य करों में छूट दी जानी चाहिए
भवन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की नीति सरल की जाये
शहरी क्षेत्र में स्थित कृषि योग्य भूमि की प्रकृति में बदलाव किया जाये
अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए जी प्लस थ्री से अधिक ऊंचे भवन नहीं बनाये जाने चाहिए
शहर से बाहर भवन निर्माण किये जाने पर परिवहन की व्यवस्था होनी चाहिए
अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी पब्लिक अंडरटेकिंग की जमीन पर बने स्लम पर लागू होगा या नहीं, यह स्पष्ट होना चाहिए
अफोर्डेबल हाउसिंग में बिल्डर का अनुपात क्षेत्र की विशेषता देखते हुये तय की जाये
कॉपरेटिव लाभ पर नहीं चलते. ऐसे में प्रोफिट वाले कॉपरेटिव से ही निर्माण कराने के नियम में परिवर्तन किया जाये

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