शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल किया जाये. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता मुकेश कुमार सिन्हा ने अदालत को बताया कि प्रार्थी पारा शिक्षक के पद पर कार्यरत है.
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गैर पारा में नियुक्ति से क्यों किया वंचित: कोर्ट
रांची़ : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को पारा शिक्षक को गैर पारा शिक्षक (सामान्य कोटि) कैटेगरी में नियुक्ति से वंचित करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि किस नियम से प्रार्थी को […]
रांची़ : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को पारा शिक्षक को गैर पारा शिक्षक (सामान्य कोटि) कैटेगरी में नियुक्ति से वंचित करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने पूछा कि किस नियम से प्रार्थी को नियुक्ति से वंचित किया गया है.
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए मांगे गये आवेदन के दाैरान उसने आरक्षण का लाभ नहीं लेने का निर्णय लिया तथा गैर पारा शिक्षक कैटेगरी में आवेदन समर्पित किया. मेधा सूची में नाम आने के बाद वह काउंसलिंग में शामिल हुआ. वहां पर उन्हें नियुक्ति के लिए चयन करने से इनकार कर दिया गया. कहा गया कि आप पारा शिक्षक है, इसलिए आपकी नियुक्ति गैर पारा शिक्षक के रूप में नहीं की जा सकती है. प्रार्थी ब्रह्मदेव रजक ने याचिका दायर कर सरकार के आदेश को चुनाैती दी है.
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