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खूंटी में सक्रिय हुआ सम्राट गिरोह, गैंगवार की आशंका

खूंटी में सक्रिय हुआ सम्राट गिरोह, गैंगवार की आशंकापीएलएफआइ व सम्राट गिरोह में एक दशक तक चला था गैंगवारतीन साल पहले खत्म हो गया था सम्राट गिरोह की गतिविधिसाल भर में फिर से एकजुट हुए सम्राट गिरोह के अपराधकर्मीसुरजीत सिंह, रांचीखूंटी अंतर्गत कर्रा थाना क्षेत्र के बमरजा गांव में बिरसा महतो की हत्या और इस […]

खूंटी में सक्रिय हुआ सम्राट गिरोह, गैंगवार की आशंकापीएलएफआइ व सम्राट गिरोह में एक दशक तक चला था गैंगवारतीन साल पहले खत्म हो गया था सम्राट गिरोह की गतिविधिसाल भर में फिर से एकजुट हुए सम्राट गिरोह के अपराधकर्मीसुरजीत सिंह, रांचीखूंटी अंतर्गत कर्रा थाना क्षेत्र के बमरजा गांव में बिरसा महतो की हत्या और इस हत्या के प्रतिशोध में दाड़ी गांव में सपन महतो की हत्या से लोगों में दहशत है. मृतक बिरसा महतो पीएलएफआइ के एरिया कमांडर दिनेश साहू के पिता थे, जबकि मृतक सपन महतो सम्राट गिरोह के एरिया कमांडर प्रदीप साहू का रिश्तेदार बताया जाता है. बिरसा महतो की हत्या का आरोप प्रदीप साहू पर लगा है, जबकि सपन महतो की हत्या का आरोप दिनेश साहू पर है. साफ है कि सपन महतो की हत्या बिरसा महतो की हत्या के प्रतिशोध में किया गया. अब इस घटना के कारण खूंटी के लोग तीन-चार साल पहले के हालात को याद करने लगे हैं. जब पीएलएफआइ और सम्राट गिरोह (जयनाथ साहू गिरोह) के बीच वर्चस्व को लेकर गैंगवार चल रहा था. दोनों गुटों के अपराधकर्मी करीब 10 साल तक एक-दूसरे की हत्या करते रहे थे. सम्राट गिरोह लगातार कमजोर पड़ता गया और करीब तीन साल पहले गैंगवार की घटनाएं बंद हुई. वर्ष 2014 के अंत तक पीएलएफआइ का एकतरफा कार्रवाई चलता रहा.पीएलएफआइ के कमजोर पड़ने पर बढ़ी सम्राट गिरोह की गतिविधि सम्राट गिरोह के लगभग खत्म होने के बाद पीएलएफआइ संगठन का आतंक खूंटी, गुमला व सिमडेगा में बढ़ता चला गया. इस संगठन ने रांची के तुपुदाना, बेड़ो व लापुंग में भी वर्चस्व स्थापित किया. जुलाई 2014 में पीएलएफआइ ने लगातार कई वारदात किये. इसके बाद तत्कालीन मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती और तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार ने पीएलएफआइ के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया. इस कार्रवाई में सीआरपीएफ के अलावा हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गयी. तब इस संगठन के अधिकांश उग्रवादी खूंटी छोड़ भाग चुके थे. संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप के भी ओड़िशा या छत्तीसगढ़ भागने की खबर आयी. कई उग्रवादी पकड़े गये, जबकि कुछ मारे भी गये. एक तरफ पीएलएफआइ कमजोर होता गया और दूसरी तरफ सम्राट गिरोह के लोग फिर से सक्रिय होने लगे. प्रदीप, सुइया व करण समेत कई ने अपनी गतिविधि तेज कर दी. इसकी सूचनाएं भी पुलिस तक पहुंच रही थीं, लेकिन पुलिस ने इन सूचनाओं को गंभीरता से नहीं लिया. इस कारण खत्म हो चुका यह गिरोह फिर से कार्रवाई करने लगा है. हत्या का वर्षवार आंकड़ावर्ष 2009®72वर्ष 2010®71वर्ष 2011®126वर्ष 2012®106वर्ष 2013®90वर्ष 2014®112वर्ष 2015®90 (31 अक्तूबर तक)बॉक्सदो घंटे तक बमरजा गांव में आतंक मचायाबमरजा गांव कर्रा थाना से करीब पांच किमी की दूरी पर है. 25 जून की रात सम्राट गिरोह के अपराधियों ने इस गांव में दो घंटे तक आतंक मचाया. बिरसा महतो, पीएलएफअाइ के एरिया कमांडर दिनेश साहू के पिता और पारा शिक्षक थे. 25 जून की रात वह घर में सोए हुए थे. रात करीब 11 बजे सम्राट गिरोह के 10-12 लोग घर पर पहुंचे और दरवाजा खोलने को कहा. करीब एक घंटे तक दरवाजा नहीं खोलने पर सम्राट गिरोह के प्रदीप साहू ने खुद को कर्रा थाना का प्रभारी बताया, तब बिरसा महतो ने दरवाजा खोला. इसके बाद अपराधियों ने घर के आंगन में उन्हें कई गोलियां मारी. बाद में अपराधी बिरसा महतो के भाई दशरथ महतो के घर पहुंचे. अपराधियों ने दरवाजा खोलने को कहा, नहीं खोलने पर दरवाजा तोड़ दिया. वहीं हवाई फायरिंग भी की.

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