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मदद: चेक गणराज्य के प्रतिनिधिमंडल ने किया एचइसी का दौरा, कहा एचइसी का जीर्णोद्धार करेगा चेक

रांची़ : चेक गणराज्य के इंडस्ट्री एंड ट्रेड के डिप्टी मिनिस्टर जीरी कोलिबा ने गुरुवार को एचइसी मुख्यालय में कहा कि चेक की कंपनियां प्लांटों का जीर्णोद्धार करेगी और नयी तकनीक देगी. एचइसी के प्लांटों में जीर्णोद्धार की जरूरत है. इसके लिए भारत सरकार और चेक गणराज्य के बीच एमओयू हुआ है. जीर्णोद्धार का प्रस्ताव […]

रांची़ : चेक गणराज्य के इंडस्ट्री एंड ट्रेड के डिप्टी मिनिस्टर जीरी कोलिबा ने गुरुवार को एचइसी मुख्यालय में कहा कि चेक की कंपनियां प्लांटों का जीर्णोद्धार करेगी और नयी तकनीक देगी. एचइसी के प्लांटों में जीर्णोद्धार की जरूरत है. इसके लिए भारत सरकार और चेक गणराज्य के बीच एमओयू हुआ है. जीर्णोद्धार का प्रस्ताव जनवरी के अंत तक फाइनल किया जायेगा. चेक गणराज्य के लिए गर्व की बात है कि उसने 50 वर्ष पूर्व एचइसी की स्थापना में अहम भूमिका निभायी थी. इसका जीर्णोद्धार एक चुनौती है. चेक गणराज्य की कंपनियां इसे सफलतापूर्व करेंगी.
प्रतिनिधिमंडल में इंडस्ट्री एवं ट्रेड के उपनिदेशक पीटर कुलाेवानी, उपमंत्री के सलाहकार मीरीस्लाव ओकरोली, दूतावास में इकोनोमी सेक्शन के प्रमुख मिलन हाउन, एक्सपर्ट बैंक के निदेशक इगोर ओवकासिक शामिल थे. चेक प्रतिनिधिमंडल का एचइसी मुख्यालय में सीएमडी ने स्वागत किया. एचइसी कर्मी विभिन्न प्रदेशों के परिधान में थे. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मशीनों की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की़
एयर ट्रांसपोर्ट में काम करने की जरूरत : मिलन होवार्का
भारत में चेक गणराज्य के राजदूत मिलन होवोर्का ने कहा कि चेक गणराज्य झारखंड में एयर ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में कार्य करना चाहता है. इसके लिए मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है. चेक कंपनी छोटे-छोटे एयरक्राफ्ट का निर्माण करता है. यह कृषि, एयर कार्गो, यातायात के लिए काफी उपयोगी है. चेक गणराज्य झारखंड में लोगों के साथ जुड़ना चाहता है. कुष्ठ रोगियों के लिए काम करना चाहता है.
आर्थिक सहयोग भी मिलेगा : सीएमडी
एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि चेक गणराज्य की कंपनियों का सहयोग एचइसी को स्थापना काल से ही मिलता आ रहा है. चेक कंपनी स्कोडा, विडकोविच, वीएचएस व टीएस प्लेजन तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी हैं. सभी ने एचइसी के जीर्णोद्धार में कार्य करने और नयी तकनीक देने की सहमति व्यक्त की है. इन कंपनियों से एचइसी स्टील, माइनिंग, रेलवे, मेटेरियल हैंडलिंग, मशीन टूल्स के उपकरण बनाने की तकनीक लेगा. श्री घोष ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में चेक एक्सपोर्ट बैंक के अधिकारी भी शामिल थे. उनसे कम दर पर ऋण देने की बात हुई है. जो कार्य चेक कंपनियों को दिया जायेगा. उसी एवज में एचइसी ऋण लेगा. श्री घोष ने कहा कि आर्थिक सहयोग के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार से भी बातचीत हुई.

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