इसमें एएनएम व अन्य पारा मेडिकल कर्मियों ने कहा कि वे गत कई वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, पर रिक्त पदों पर उनके समायोजन के बजाय नयी नियुक्तियां की जा रही हैं. सरकार लगातार उनकी उपेक्षा कर रही है. संघ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में कुछ ऐसे संवर्ग हैं, जो पिछले एक वर्षों से कार्यरत नहीं हैं. पर विभाग की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. बावजूद इसके उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. संघ ने कहा है कि पारामेडिकल कर्मी जैसे फार्मासिस्ट, एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, नेत्र सहायक तथा कंप्यूटर सहायक (नियमित प्रतिरक्षण) स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं. इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. ये अपनी सेवा एक दिन भी रोक दें, तो इसका प्रभाव पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगा.
सभा के दौरान मांग पूरी न होने पर आगे आंदोलन कर स्वास्थ्य व्यवस्था को ठप करने की भी चेतावनी दी गयी. इस अवसर पर रामभद्र झा, नरेश चंद्र कारजी, विद्यानंद विद्यार्थी, जूही मिंज, धरनी कुमारी, सोनी कुमारी, पुष्पा पासी व मेरी एडलीन सहित सैकड़ों की संख्या में एएनएम व अन्य उपस्थित थे.