रांची: राज्य में अक्तूबर के अनाज का पूरा उठाव अब तक नहीं हो सका है. इस माह के करीब 52 हजार टन चावल व गेहूं का उठाव करने में खाद्य आपूर्ति विभाग असफल रहा है. इसके उठाव के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के कार्यकारी निदेशक, कोलकाता से समय विस्तार की सहमति ली गयी थी, जिसकी मियाद 20 नवंबर को समाप्त हो रही है.
आशंका जतायी जा रही है कि अक्तूबर का 52 हजार टन यह अनाज लैप्स हो जायेगा. इससे पहले एफसीआइ झारखंड के महाप्रबंधक से 15 दिनों के मिले समय विस्तार के तहत पांच नवंबर तक अनाज का उठाव नहीं हो सका था. किसी माह का अनाज उठाव उस माह की अंतिम तारीख तक हो जानी चाहिए. इधर, झारखंड के अक्तूबर माह के अनाज का उठाव अभी 15 नवंबर तक भी नहीं हो सका है.
समय विस्तार पहले एफसीआइ झारखंड के महाप्रबंधक से अधिकतम 15 दिनों का मिलता है. इसके बाद जोनल अॉफिस के कार्यकारी निदेशक से अधिकतम 15 दिनों का समय लेना होता है. इसके बाद एक दिन का भी समय विस्तार भारत सरकार देती है. इधर झारखंड में करीब आधे लाभुकों को राशन कार्ड का वितरण न होने से अनाज का पूर्ण वितरण ही नहीं हो सका है. ऐसा होने से राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदामों में अनाज रखने की जगह नहीं है तथा अनाज का अागे उठाव नहीं हो रहा है. राशन कार्ड न बंटने से स्थिति ऐसी विकट है कि अक्तूबर के बाद नवंबर का अनाज उठाव व वितरण भी प्रभावित होना लगभग निश्चित है.
किसी पर कोई कार्रवाई नहीं : राशन कार्ड बनाने में भारी गड़बड़ी तथा इसका वितरण न होने के लिए किसी दोषी पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. विभाग ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने से पहले तथा इसके बाद अपने पदाधिकारियों को निर्देश देती चिट्ठियां तो खूब लिखी, पर हुआ कुछ नहीं.
आदेश-निर्देश का कोई असर नहीं
सही लाभुकों के चयन के लिए उपायुक्तों को लिखी विभागीय चिट्ठी (4.4.15)
अधिनियम को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए अपर समाहर्ता को जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाये जाने संबंधी अधिसूचना (26.5.15)
सभी लाभुकों से इसके योग्य लाभुक होने संबंधी स्व घोषणा पत्र लिया जाये. उपायुक्तों को लिखी सचिव की चिट्ठी (29.6.15 तथा 8.7.15)
पणन पदाधिकारी (एमअो) तथा प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों को अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए नोडल पदाधिकारी बनाने संबंधी अधिसूचना (30.7.15)
छूट गये लाभुकों के आवेदन स्वीकार करते हुए अग्रतर कार्रवाई करने संबंधी सचिव की सभी उपायुक्तों को चिट्ठी (28.8.15)
लाभुक परिवारों के सत्यापन के लिए सभी उपायुक्तों को लिखी सचिव की चिट्ठी (4.09.15). लिखा गया था कि आवेदन की पूरी तरह जांच कर आश्वस्त हो लिया जाये कि किसी भी परिस्थिति में अयोग्य लाभुक सूची में न रहें. साथ ही कोई योग्य लाभुक न छूटें.
लाभुक परिवारों की सूची पीडीएस दुकान में प्रदर्शित करने के लिए उपायुक्तों को लिखी विभागीय चिट्ठी (4.9.15)
विभाग ने अधिनियम लागू होने से सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों (डीएसओ) से यह लिखित लिया था कि उनके जिले में सभी लाभुकों का राशन कार्ड बन गया है और वितरित भी हो गया है.
कितने लाभुक व कितना अनाज
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य के 86 फीसदी ग्रामीण परिवारों तथा 60 फीसदी शहरी परिवारों को सस्ती दर पर अनाज मिलना है. सरकार ने सभी लाभुकों को दो श्रेणी में बांटा है. एक अंत्योदय लाभुक तथा दूसरे प्राथमिकता वाले परिवार.
अंत्योदय : परिवार- 917751. अनाज की जरूरत – 32121 टन.
प्राथमिकता वाले : परिवार- 19603223, अनाज की जरूरत – 98016 टन.
(अनाज की कुल मात्रा चावल व गेहूं को मिला कर है)
सोनाराम को है अनाज का इंतजार
टाटीसिलवे के पास महिलौंग में रहता है सोनाराम महतो. कहने को तो सोनाराम के पास दो एकड़ जमीन है. पर इसमें से आधी जमीन टांड़ है. बारिश अच्छी रहने पर सोनाराम करीब 30 मन धान उपजा लेता है. पर अबकी बार धान की फसल खेत में ही भूसा बन गयी. अबकी तीन मन धान की भी उम्मीद सोनाराम को नहीं है. इससे खेती में लगा खर्च भी नहीं निकलने वाला. घर में बीमार पत्नी है. एक बेटा भी, जो मजदूरी करता है. मां के लिए दवा वही लाता है. सोनाराम को जल्द ही अनाज की जरूरत होगी. पर अभी तो उसके गांव में राशन कार्ड ही नहीं बंटा है. यहां कार्ड में हुई गड़बड़ी की जांच होनी है.
अक्तूबर के अनाज उठाव के लिए एफसीआइ के कार्यकारी निदेशक से 20 नवंबर तक का समय विस्तार मिला है. हमने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गोदाम में यदि जगह हो, तो अक्तूबर के साथ-साथ नवंबर माह का अनाज भी उठाया जाये. कहीं-कहीं से कुछ उठाव की सूचना है.
बालेश्वर सिंह, प्रबंध निदेशक, राज्य खाद्य निगम