रांची : दीपावली और छठ की छुट्टियों के बाद बड़े पैमाने पर राज्य से मजदूरों का पलायन होता है. इसी मौसम में सबसे ज्यादा मजदूरों के साथ ज्यादती भी होती है. शासन की यह जिम्मेवारी है कि मजदूरों को वह सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराये. इसके लिए जरूरी है कि सभी जिले के श्रम अधिकारी मजदूरों के पलायन पर नजर रखें और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारी शिविर लगा कर मजदूरों का पंजीकरण करायें, ताकि किसी मजदूर के साथ नाइंसाफी न हो. यह बात मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ने कही. वे सोमवार को सूचना भवन में मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में आये मामलों की समीक्षा कर रहे थे.
पाकुड़ जिले से यह शिकायत आयी थी कि रंगा सरकार नामक एक मजदूर को काम दिलाने के लिए आठ माह पहले जुलहास शेख नामक बिचौलिया अपने साथ कोलकाता ले गया था. इसके बाद रंगा सरकार की कोई सूचना नहीं है. सचिव ने पूरे मामले की गहन जांच का आदेश दिया है. देवघर के धावाघाट गांव से राशन न मिलने की शिकायत पर सचिव ने डीएसओ से जवाब-तलब का निर्देश दिया.
गोड्डा के वार्ड नंबर-छह स्थित प्राथमिक विद्यालय कुम्हार टोली में पिछले 44 साल से चापाकल नहीं लगाये जाने और शौचालय का निर्माण नहीं होने की शिकायत आयी. जवाब में डीएसइ ने कहा कि जब-जब वहां शौचालय बनाने के लिए कर्मचारी खड़े होते हैं, तब-तब एक राजनीतिक दल के समर्थक द्वारा रोक दिया जाता है. इस पर श्री बर्णवाल ने राजनीतिक दल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. पाकुड़ के गांव अमलपुर स्थित गंगनपहाड़ी मध्य विद्यालय के समीप सरकारी जमीन पर कुछ ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण करने का मामला भी सामने आया. सचिव ने कहा कि जन अधिकारियों के कार्यकाल में उक्त जमीन पर अवैध बस्ती बसी ऐसे अधिकारी को चिन्हित कर कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. उन्होंने तत्काल अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.
सीएम से सीधी बात 24 को
बैठक में श्री बर्णवाल ने कहा कि 24 नवंबर को मुख्यमंत्री से सीधी बात कार्यक्रम प्रस्तावित है. उन्होंने नोडल पदाधिकारियों को लंबित मामलों के शीघ्र निपटारा का निर्देश दिया.