रांची: पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी इम्तियाज के मोबाइल से लिये गये 62 मोबाइल नंबरों की जांच स्पेशल ब्रांच ने शुरू कर दी है. इनके तार पटना सीरियल ब्लास्ट और हिंदपीढ़ी के इरम लॉज से जुड़े हो सकते हैं. सभी मोबाइल नंबरों को जांच के लिए सर्विलांस पर लगाया गया है. जांच के दौरान यह जानकारी एकत्र करने का प्रयास किया जा रहा है कि नंबर धारक लोग कौन है और वे कहां रहते हैं. इन नंबर धारकों का इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ क्या संबंध है. इसका भी पता लगाया जा रहा है.
स्पेशल ब्रांच के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 62 मोबाइल नंबर धारकों के अलावा कुछ अन्य मोबाइल नंबरों की जांच भी चल रही है. जांच के दौरान यह पता चला है कि वे नंबर इम्तियाज और उनके रिश्तेदारों के हैं.
वर्तमान में जिन नंबर धारकों के संबंध में जांच शुरू की गयी है. उन सभी लोगों से पूछताछ की जायेगी. इसके साथ ही कुछ नंबर धारकों की गतिविधियों पर भी स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों को संदेह है. उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
इम्तियाज के मोबाइल से मिला मुजिबुल का सुराग
सूत्रों के अनुसार इम्तियाज के मोबाइल में ही मुजिबुल का नंबर था. मुजिबल के नंबर को सर्विलांस पर लगाने पर यह जानकारी मिली कि वह ओरमांझी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. ओरमांझी में जांच करने के बाद पता चला कि मुजिबुल हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज का रहने वाला है. उसके बाद इरम लॉज में छापेमारी कर विस्फोटक बरामद किये गये.
ताबिश नेयाज भेजा गया जेल
पटना: गांधी मैदान की रेकी करने वाले आइएम के आतंकी ताबिश नेयाज उर्फ अरशद को छह दिनों तक पूछताछ करने के बाद पटना पुलिस ने बुधवार को बेऊर जेल भेज दिया. ताबिश ने बताया कि वह पटना ब्लास्ट के मास्टर माइंड तहसीन अख्तर उर्फ मोनू व हैदर अली उर्फ अबदुल्लाह के कहने पर गांधी मैदान की आठ से दस अक्तूबर तक रेकी की थी. पटना आने के बाद वह अपने दोस्त सद्दाम के लॉज में ठहरा था. सद्दाम भिखना पहाड़ी के एक लॉज में रहता है. पुलिस ने सद्दाम को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. अभी तक सद्दाम के बारे में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि ताबिश को बुधवार को जेल भेज दिया गया.
ताबिश ने गांधी मैदान के चप्पे-चप्पे के साथ ही पटना जंकशन की भी रेकी की थी. रेकी करने के बाद उसने कहां-कहां बम प्लांट करने हैं. इसके बारे में पटना ब्लास्ट के मास्टर माइंड तहसीन अख्तर उर्फ मोनू व हैदर को जानकारी दी थी. ताबिश से मिली जानकारी के बाद गांधी मैदान के कई हिस्सों में मोनू व हैदर हुंकार रैली के दिन बम प्लांट करने में कामयाब रहे थे. वहीं घटना के दिन गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज ने भी पूछताछ में कहा कि उसे पटना जंकशन के साथ ही गांधी मैदान में भी बम प्लांट करने के लिए तहसीन व हैदर ने कहा था. घटना के दिन तहसीन व हैदर सुबह सात बजे ही गांधी मैदान में पहुंच गये थे. विस्फोट में मारे गये तारिक उर्फ एनुल व इम्तियाज पटना जंकशन पर बम प्लांट कर गांधी मैदान के लिए निकलते. इसके पहले ही प्लेटफॉर्म नंबर दस स्थित शौचालय में विस्फोट हो गया. विस्फोट के बाद इम्तियाज को पुलिस ने पकड़ लिया.
इम्तियाज को रेल पुलिस ने सात दिनों के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी. उसे भी बेऊर जेल भेज दिया गया है. दोनों आतंकियों को जेल के हाई सिक्युरिटी सेल में रखा गया है. इन दोनों से किसी को भी मिलने की इजाजत नहीं दी गयी है.
रेल थाने में दर्ज केस को दो दिन पहले ही एनआइए ने अपने हाथ में ले लिया था. वहीं बुधवार को गांधी मैदान में दर्ज केस को भी एनआइए ने अपने हाथ में ले लिया. अब दोनों मामले को एनआइए ही देखेगी व अनुसंधान करेगी. पटना पुलिस व रेल पुलिस को अब इन मामलों की जांच की जिम्मेदारी से मुक्ति मिल गयी है. हालांकि पटना पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि उन्होंने घटना के दिन ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया था.
एक-दूसरे की मदद करेंगे एनआइए व स्पेशल ब्रांच
रांची: पुलिस मुख्यालय में बुधवार को एडीजी स्पेशल ब्रांच रेजी डुंगडुंग ने एनआइए के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) के आइजी संजीव सिंह और झारखंड में एनआइए के नोडल ऑफिसर आइजी संपत मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. एडीजी ने कहा बैठक का मूल उद्देश्य एनआइए और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाना था.
बैठक में शामिल अधिकारियों के मुताबिक यह सहमति बनी कि आतंकवाद या इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी एकत्र करने के लिए स्पेशल ब्रांच और एनआइए के अधिकारी संयुक्त रूप से प्रयास करेंगे. सूचनाओं का आदान- प्रदान भी करेंगे. आतंकवाद से जुड़े किसी भी मामले की जांच के लिए एनआइए के अधिकारियों को हर संभव मदद करेंगे. बेहतर समन्वय से ही अच्छे परिणाम निकल सकें.
बैठक में यह भी तय हुआ कि आतंकवाद से जुड़े किसी मामले में एनआइए के अधिकारी जब झारखंड के किसी स्थान पर रेड करेंगे. तब उन्हें पुलिस की ओर से पर्याप्त बल भी उपलब्ध कराया जायेगा. बैठक में अनुसंधान को छोड़ कर दूसरे पहलुओं पर भी चर्चा हुई.
इरम लॉज पहुंची पुलिस
हिंदपीढ़ी के सेकेंड स्ट्रीट स्थित इरम लॉज में डीएसपी और हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी जांच करने पहुंचे. इरम लॉज में कुछ और महत्वपूर्ण वस्तु पुलिस ने बरामद की है. उन महत्वपूर्ण वस्तुओं की जांच की जा रही है. बुधवार की दोपहर कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट और हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी प्रमोद कुमार जांच करने पहुंचे थे. कोतवाली डीएसपी इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधान कर्ता हैं. गौरतलब है कि चार नवंबर को इरम लॉज के कमरा नंबर आठ से एनआइए,आइबी ,स्पेशल ब्रांच और जिला पुलिस ने छापामारी की थी और नौ शक्तिशाली बम, जिलेटिन, डोटेनेटर, टाइमर बरामद किये थे. कमरा नंबर आठ में रहने वाले ओरमांझी के चकला निवासी मुजिबुल अंसारी और इरबा निवासी सलीम की तलाश जारी है.
सीठियो में नुमान के परिजनों से की पूछताछ
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम छह अक्तूबर को ओरमांझी और धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो गांव पहुंची. सीठियो में टीम के पदाधिकारियों ने नुमान के परिवार से भेंट की. नुमान और उसके बारे में पूछताछ की. ज्ञात हो कि गत 27 अक्तूबर को पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में नुमान का नाम संदिग्धों की सूची में है. एनआइए की टीम के साथ धुर्वा थाना की पुलिस भी थी. इधर, एनआइए की दूसरी टीम बुधवार को करीब चार घंटे तक ओरमांझी थाना क्षेत्र में रही. हालांकि, टीम के सदस्यों ने किसी से भी पूछताछ नहीं की. किसी के घर भी नहीं गयी. टीम ने ओरमांझी के ब्लॉक चौक, चकला और इरबा में रुक कर रेकी की.
हिंदपीढ़ी में आतंकवाद विरोधी अभियान
झारखंड तंजीम की ओर से बुधवार को हिंदपीढ़ी के विभिन्न वार्ड में आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया गया. केंद्रीय अध्यक्ष शमशेर आलम के नेतृत्व में प्रबुद्ध नागरिकों, उलेमा एकराम व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मकान मालिकों व लॉज संचालकों से मिल कर इस मुहिम को सफल बनाने की अपील की.
इस अवसर पर शमशेर आलम ने कहा कि इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई है. जो लोग हिंदपीढ़ी को सुरक्षित क्षेत्र मान कर चल रहे हैं, उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जायेगा. हिंदपीढ़ी पर किसी भी कीमत पर बदनामी का सेहरा नहीं लगने देंगे. हमारे नौजवान भटके नहीं हैं. हम पर बदनामी का दाग न लगे, हमारी भावी नस्ल बरबाद न हो, इसके लिए हमें हमेशा सजग व सतर्क रहना होगा.
इसलाम में आतंक का स्थान नहीं
अभियान में शामिल लोगों ने कहा कि समाज का बुद्धिजीवी तबका और सामाजिक कार्यकर्ता ऐसी घटनाओं की घोर निंदा करते हैं. इसलाम में आतंक का कोई स्थान नहीं है. अभियान आगे भी जारी रहेगा. इस अवसर पर सभी ने संकल्प लिया कि इस क्षेत्र में आतंकवाद को फलने-फूलने नहीं देंगे.अभियान में पार्षद मो नईम, सजदा खातून, मो असलम, मो एहतेशाम, कारी उज्जैर कासमी, शम्स कमर लड्डन, गुलाम हुसैन मुन्ना, अंसार उल्लाह कासमी,सज्जाद इदरीसी, मो मंजूर, मो फैयाज, मो कुरबान, रहमत अली, राजू गद्दी समेत दर्जनों लोग शामिल थे.
मुहल्लों में मुहिम चलायेगा अंजुमन
आतंकवाद के खिलाफ बुधवार को अंजुमन इसलामिया परिसर में रांची के विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि व बुद्धिजीवियों की बैठक हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आतंकवाद विरोधी मुहिम चलायी जायेगी. इसके लिए एक टीम का गठन किया जायेगा. यह टीम मुख्यमंत्री सहित अन्य से मिल कर अपनी भावनाएं बतायेगा. बैठक में आपसी भाईचारा बनाये रखने, जब तक कोई दोषी सिद्ध नहीं हो जाता, उसके बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बातें नहीं करने सहित अन्य मामलों पर चर्चा की गयी. जल्द ही अंजुमन प्लाजा में एक और बैठक होगी, जिसमें इस पर और विस्तृत से चर्चा की जायेगी. बैठक की अध्यक्षता करते हुए अंजुमन इसलामिया के अध्यक्ष इबरार अहमद ने कहा कि अंजुमन विभिन्न इलाकों व मुहल्ले-टोलों में जाकर जागरूकता अभियान चलायेगा और लोगों को आतंकवाद के खिलाफ जागरूक करेगा. बैठक में कांग्रेस के विधायक केएन त्रिपाठी, प्रदीप तुलस्यान, सीपीआइएम के जीके बख्शी, अनिल अंशुमन, मास्टर सुशांतो चटर्जी, रतन तिर्की, अरुण प्रधान, आलोका, शफीक, मौलाना मुफ्ती अनवर कासमी, मौलाना ओबेदुल्लाह कासमी, मौलाना असगर मिसबाही, नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना तहजीबुल हसन, कौशल किशोर, अमजद अली, तनवीर आलम, जाहिद, मोख्तार अहमद, पत्रकार हरिनारायण सिंह सहित अन्य शामिल हुए.
निर्दोष को परेशान नहीं करें, दोषियों को बख्शे नहीं
झारखंड मुसलिम मजलिस-ए-मुशावरत के बैनर तले उलेमा व मुसलिम बुद्धिजीवियों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को जोनल आइजी एमएस भाटिया से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पुलिस कार्रवाई में निर्दोष को परेशान नहीं किया जाये, लेकिन अगर कोई दोषी है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. वे सहयोग करने को तैयार हैं. मुहल्लों, लॉज, हॉस्टल आदि में रहनेवाले व्यक्तियों की निगरानी की जायेगी. आइजी ने आश्वासन दिया कि पुलिस निदरेषों को परेशान नहीं करेगी. प्रतिनिधिमंडल में डॉ जावेद अहमद, डॉ शाहिद अख्तर, डॉ असलम परवेज, डॉ उबैदुल्लाह कासमी, खुर्शीद हसन रूमी, मौलाना असगर मिसबाही, मुफ्ती अनवर कासमी, कारी जान मोहम्मद, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी आदि शामिल थे.