सीआइडी के अफसर करते हैं खानापूर्ति

रांची: अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी ) के पदाधिकारी खानापूर्ति के लिए काम करते हैं. सीआइडी के पदाधिकारियों के कामकाज से संबंधित एक समीक्षात्मक रिपोर्ट सीआइडी एडीजी केएस मीणा ने तैयार की है. एडीजी ने लिखा है कि सीआइडी टीम के प्रभारी जो मासिक कार्य विवरणी तैयार कर रहे हैं, वह सिर्फ खानापूर्ति है. महत्वपूर्ण सूचनाएं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2013 6:56 AM

रांची: अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी ) के पदाधिकारी खानापूर्ति के लिए काम करते हैं. सीआइडी के पदाधिकारियों के कामकाज से संबंधित एक समीक्षात्मक रिपोर्ट सीआइडी एडीजी केएस मीणा ने तैयार की है. एडीजी ने लिखा है कि सीआइडी टीम के प्रभारी जो मासिक कार्य विवरणी तैयार कर रहे हैं, वह सिर्फ खानापूर्ति है. महत्वपूर्ण सूचनाएं समय पर नहीं दी जा रही हैं.

जेल सुरक्षा से संबंधित सूचनाएं भी गैर जिम्मेवार तरीके दी जा रही है. जो सूचनाएं सीआइडी टीम प्रभारी भेजते हैं. वही सूचना पुलिस मुख्यालय को भी भेजी जाती है. ऐसी स्थिति में भविष्य में सीआइडी टीम प्रभारी क्रिमिनल इंटेलीजेंस के आधार पर सही जानकारी भेजें.

सीआइडी टीम प्रभारी किसी घटना के सबंध में जब परामर्श पत्र निर्गत करते हैं. तब उसमें भी केवल घटना का जिक्र कर महज औपचारिकता पूरी की जाती है, जबकि परामर्श पत्र में पिछली घटनाओं का जिक्र, अपराध की शैली, जेल से छूटे हुए अपराधियों का नाम, सक्रिय गिरोह की सूची एवं घटनाओं में संलिप्त संभावित गिरोह का उल्लेख करना चाहिए. एडीजी से स्पष्ट लिखा है कि खूंटी सीआइडी टीम के इंस्पेक्टर को उन्होंने क्रिमिनल इंटेलेजेंस इकट्ठा करने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने इस काम में कोई रुचि नहीं ली. एडीजी ने उनसे 15 दिनों के अंदर काम पूरा करने का निर्देश दिया है, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी है.

गुमला और सिमडेगा जिला के सीआइडी प्रभारी क्रिमिनल इंटेलीजेंस के बिंदु पर काम नहीं करते हैं. उन्हें भी एडीजी ने चेतावनी दी गयी है. साथ ही भविष्य में ठीक ढंग से काम करने का निर्देश दिया है.

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