रांची: भोजपुरी के जाने-माने संस्कृतिकर्मी डॉ बीएन तिवारी उर्फ भाई जी भोजपुरिया का निधन मंगलवार को अहले सुबह 3.30 बजे पंडरा स्थित आवास पर दिल का दौरा पड़ने से हो गया़ वे 77 वर्ष के थे़ वो अपने पीछे दो पुत्र, चार पुत्रियां समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं. स्व तिवारी की अंत्येष्टि मंगलवार को बनारस के मणिकर्निका घाट पर कर दी गयी़ मुखाग्नि उनके बड़े बेटे कन्हैया तिवारी ने दी़.
डॉ बीएन तिवारी के निधन पर भोजपुरी विकास मंच, भोजपुरी समाज मंच समेत कई संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया है़
क्या कहते हैं कलाकार
डॉ तिवारी कलाकारों के लिए अभिभावक के तौर पर थे़ कार्यक्रम के जरिये नये कलाकारों को ढूंढ़ उन्हें मंच प्रदान करने का काम किया़ उनकी कमी हमेशा खलेगी़ भोजपुरी जगत में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता़
चंदन तिवारी, गायिका
भोजपुरी को एक मुकाम तक पहुंचाया
डॉ बीएन तिवारी पिछले चार दशक से अधिक समय तक भोजपुरी व समाजसेवा के लिए समर्पित रहे़ उन्होंने अखिल विश्व भोजपुरी विकास मंच, भोजपुरी समाज, भोजपुरी समाज मंच, भोजपुरी विकास मंच समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का गठन किया़ उसके जरिये वे दुनिया भर में भोजपुरी को प्रतिष्ठित और स्थापित करने में लगे रहे़.
प्रखर अभिनेता रहे हैं डॉ तिवारी
डॉ तिवारी खुद भी प्रखर अभिनेता रहे है़ं. वे गीताकार व संगीतकार भी थे़ उन्होंने गंगोत्री जैसी फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया़ प्यासा पनघट व धर्मावती के कछार पर उनकी दो महत्वपूर्ण कृतियां भी प्रकाशित हो चुकी है़ं
छह वर्षों तक सेंट्रल फिल्म सेंसर बोर्ड में भी सेवा दी
मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के ब्रह्मपुर के निकट नंदपुर गांव के रहनेवाले डॉ तिवारी पुलिस सेवा में थे़ पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने छह वर्षों तक सेंट्रल फिल्म सेंसर बोर्ड में अपनी सेवा दी़ डॉ तिवारी ने बिहार-झारखंड इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन का गठन कर बिहार में भोजपुरी व झारखंड में नागपुरी फिल्मों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी़.
लोक कलाकारों को मंच दिया
डॉ तिवारी ने पिछले तीन दशक में भोजपुरी लाेकसंगीत के नये कलाकारों को एक मंच प्रदान किया़ भोजपुरी साहित्य व संस्कृति को स्थापित करने में अहम भूमिका निभायी़