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पुलिस लाइन में बिना जुर्माना व जमानत के ही दे दिये गये बिजली कनेक्शन

पुलिस लाइन में बिना जुर्माना व जमानत के ही दे दिये गये बिजली कनेक्शनबिजली चोरी के आरोप में 37 लोगों पर दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकीकोतवाली थाना परिसर में 17 लोगों पर दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकीप्रति व्यक्ति 10600 रुपये का किया गया था जुर्माना वरीय संवाददातारांची : बिजली चोरी के आरोपी पुलिस पदाधिकारियों को […]

पुलिस लाइन में बिना जुर्माना व जमानत के ही दे दिये गये बिजली कनेक्शनबिजली चोरी के आरोप में 37 लोगों पर दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकीकोतवाली थाना परिसर में 17 लोगों पर दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकीप्रति व्यक्ति 10600 रुपये का किया गया था जुर्माना वरीय संवाददातारांची : बिजली चोरी के आरोपी पुलिस पदाधिकारियों को बिजली वितरण निगम की ओर से मुफ्त कनेक्शन दिया जा रहा है. उनसे न तो जुर्माना वसूला गया और न ही बेल की कॉपी मांगी गयी. एसएसपी के आदेश पर अपर बाजार विद्युत उप-केंद्र से सभी को कनेक्शन दिया जा रहा है. उनके मीटर लगाये गये हैं. सोमवार व मंगलवार को 68 पुलिस पदाधिकारियों को कनेक्शन दिया गया है. क्या है मामला28 जुलाई 2015 को अपर बाजार के तत्कालीन सहायक विद्युत अभियंता जेएनके सिंह के नेतृत्व में बिजली विभाग के छापेमारी दल ने पुलिस लाइन में छापेमारी की थी. वहां 37 पुलिस पदाधिकारियों को बिना मीटर के ही बिजली चोरी करते पकड़ा गया था. इनके खिलाफ गोंदा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. प्रत्येक व्यक्ति पर 10600 रुपये का जुर्माना लगा गया था. दूसरी ओर कोतवाली थाने में 17 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद डीजीपी ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को वैध बिजली कनेक्शन लेने का आदेश जारी किया था, लेकिन किसी ने कनेक्शन नहीं लिया. इसी दौरान 23 अक्तूबर को सहायक अभियंता जेएनके सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया. उनकी जगह अभिषेक कुमार को सहायक अभियंता बनाया गया. श्री सिंह बीमारी की बात कह छुट्टी पर चले गये हैं. हालांकि कार्यपालक अभियंता ने उनकी छुट्टी रद्द कर दी है. इधर, अभिषेक कुमार ने सहायक अभियंता का स्वत: पदभार संभाल लिया है. इसके बाद सोमवार से उन्होंने कनेक्शन ड्राइव चलाया और पुलिस पदाधिकारियों को कनेक्शन देना आरंभ किया. क्या है नियमसामान्य तौर पर जब किसी पर बिजली चोरी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है, तो जुर्माना भी लगाया जाता है. इसके बाद आरोपी को पहले जुर्माने की रकम भरनी पड़ती है. इसके बाद कोर्ट से जमानत लेना पड़ता है. फिर वह वैध कनेक्शन के लिए आवेदन देता है. पुलिस के मामले में इस प्रक्रिया को न अपना कर सीधे मीटर लगा दिया गया है. दूसरी ओर प्राथमिकी दर्ज होने के तीन माह बीत जाने के बावजूद गोंदा थाना व कोतवाली थाना द्वारा भी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. क्या कहते हैं सहायक अभियंताएसएसपी ने पत्र भेजा था कि सभी पुलिसकर्मियों के आवासों में मीटर लगायी जाये. इसके बाद ही यह प्रक्रिया शुरू हुई. दो दिनों में 68 आवासों में मीटर लगाये गये हैं. रही बात जुर्माने की, तो जुर्माने की रकम बिल के साथ भेजी जायेगी. चूंकि पुलिसकर्मी वैध कनेक्शन ले, इसके लिए ही यह ड्राइव चलाया गया है. अभिषेक कुमारसहायक अभियंता, अपर बाजार विद्युत उपकेंद्र\\\\B

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