रांची: झारखंड और ओड़िशा सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स काम करेगी. झारखंड की तरफ से कोल्हान के डीआइजी और ओड़िशा की तरफ से राउरकेला रेंज के डीआइजी ज्वाइंट फोर्स के इंचार्ज होंगे. यह निर्णय झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय और ओड़िशा के डीजीपी संजीव पारिख समेत दोनों राज्यों के पुलिस अफसरों की बैठक में लिया गया. बैठक गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में हुई.
झारखंड और ओड़िशा का 250 किमी का सीमा क्षेत्र है. सीमा क्षेत्र पर झारखंड के चार और ओड़िशा के छह जिले आते हैं. बैठक में इस बात का भी निर्णय लिया गया कि अभियान के दौरान पुलिस फोर्स एक-दूसरे के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं. इसके साथ ही सीमा क्षेत्र पर अभियान चलाने वाले फोर्स के पास पड़ोसी राज्य की पुलिस बैंड का वायरलेस सेट भी रहेगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उस राज्य की पुलिस से संपर्क स्थापित किया जा सके. बैठक में दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने नक्सली गतिविधि की जानकारी एक-दूसरे को दी. साथ ही डकैती समेत अन्य अपराधों की जांच में एक-दूसरे को सहयोग करने पर सहमति बनी.
बैठक में एडीजी जैप रेजी डुंगडुंग, आइजी सीआरपीएफ आरके मिश्रा, एडीजी अभियान एसएन प्रधान, आइजी प्रोविजन आरके मल्लिक, आइजी सीआइजी संपत मीणा, रांची व कोल्हान के डीआइजी, चाईबासा, जमशेदपुर, सिमडेगा व गुमला के एसपी, के अलावा आइबी के अधिकारी भी उपस्थित थे.
जामताड़ा के साइबर अपराधी से परेशानी
ओड़िशा पुलिस की तरफ से बताया गया कि वहां की पुलिस जामताड़ा के साइबर अपराधियों से परेशान हैं. एटीएम पिन हासिल कर ठगी करने वाले अपराधी जामताड़ा से जुड़े होते हैं. झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने इस मामले में हर स्तर पर सहयोग करने की आश्वासन दिया.
एसओजी देखने जायेंगे मल्लिक
ओड़िशा पुलिस ने वहां काम कर रहे स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के काम करने के तरीके, उसकी सांगठनिक ढांचा, ट्रेनिंग आदि के बारे में जानकारी दी. इसके बाद यह तय हुआ कि एसओजी के काम-काज को देखने के लिए आइजी प्रोविजन आरके मल्लिक ओड़िशा जायेंगे.
नक्सली गतिविधि पर चिंता
पश्चिम बंगाल के जंगल महल में नक्सलियों की गतिविधि दुबारा शुरू होने से झारखंड और ओड़िशा के पुलिस अधिकारी चिंतित है. दो माह पहले गृह मंत्रालय ने भी तीनों राज्यों की पुलिस को अलर्ट किया था. जंगलमहल, झारखंड के घाटशिला इलाके के साथ-साथ ओड़िशा से भी जुड़ता है.
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
नक्सलियों के बारे में एक-दूसरे को जानकारी दें.
गिरफ्तार नक्सलियों से संयुक्त पूछताछ व जानकारी का आदान-प्रदान करेंगे.
हर तीन माह पर ज्वाइंट टॉस्क फोर्स की बैठक होगी.
दोनों राज्यों की पुलिस एक-दूसरे को प्रशिक्षण में सहयोग करेगी.
वाहन लूट, बैंक डकैत गिरोह की सूचनाएं साझा करेंगे.
पंचायत चुनाव के दौरान ओड़िशा पुलिस सहयोग करेगी.