रांची: कोल इंडिया के पुनर्गठन के लिए सीसीएल और सीएमपीडीआइ आ रही इंग्लैंड की कंपनी डियोलाइट का विरोध करने के लिए मजदूर संगठन एक मंच पर आ गये हैं. संयुक्त मोरचा के बैनर तले कंपनी के पुनर्गठन के लिए आनेवाली संस्था का विरोध करने का निर्णय लिया गया है. इस मोरचा के इंटक से जुड़ी संगठनों ने खुद को अलग रखा. शुक्रवार को मुख्यालय में आयोजित आमसभा में सीटू, एटक, एचएमएस, बीएमएस से जुड़ी संस्थाओं ने हिस्सा लिया.
निजीकरण की साजिश : सिंह : सीटू के आरपी सिंह ने कहा कि यह कोल इंडिया के निजीकरण की साजिश है. कोल माइंस नेशनलाइजेशन एक्ट में फेरबदल कर पहले सीमेंट, बिजली और इस्पात बनानेवाली कंपनियों को कोल माइंस दिया गया. कुल 298 कोल ब्लॉक उन लोगों को दिये गये, इसमें 26 में ही काम हो सका है. अबमंत्रालयचाहता है कि पुनर्गठन के नाम पर सभी कोल इंडिया की सभी कंपनियों को अलग-अलग कर निजीकरण के रास्ते को आसन किया जाये.
दिन में तारे दिखाने की कोशिश : द झारखंड कोलियरी यूनियन के महासचिव सनत मुखर्जी ने कहा कि डियोलाइट कंपनी असल में डेलाइट कंपनी है. यह कोयला कामगारों को दिन में तारे दिखाने के कोशिश में है. इसका विरोध जरूरी है. वहीं कोमयू के अशोक यादव ने कहा कि सभी कोयला कंपनियों को एक किया जाना चाहिए. इस मौके पर डीडी रामानंदन, जगरनाथ साहु, नान्हू सिंह, केएन त्रिपाठी, राजीव रंजन, रोहित, मनोज सिंह आदि मौजूद थे.
गेट से नहीं घुसने दें : एटक : एटक नेता लखन लाल महतो ने सभी मजदूर संगठनों से आह्वान किया है कि डियोलाइट के प्रतिनिधियों को सीसीएल-सीएमपीडीआइ परिसर में घुसने नहीं दें. कोयला मंत्रलय का उद्देश्य कोल इंडिया को लेकर ठीक नहीं है. मंत्रलय कोल इंडिया को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटना चाहता है. इसके लिए सभी संगठनों को एक मंच पर आना होगा.
कांग्रेस की नीति मजदूर विरोधी : सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ (बीएमएस) के महासचिव एसएन सिंह ने कहा है कि कांग्रेस की नीतियां मजदूर विरोधी है. इस कारण कांग्रेस चाहती है कि कोल इंडिया को बांट कर मजदूरों की एकता को कमजोर कर दिया जाये. इसके बाद कांग्रेस सभी कंपनियों को निजी हाथों में दे देगी.
सीएमपीडीआइ में जुलूस : मजदूर यूनियन ने कंपनी के विरोध में जुलूस निकाला. यूनियन नेता अशोक यादव ने बताया कि सोमवार को भी आंदोलन जारी रहेगा.