देवघर: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ज्ञान का प्रकाश जीवन को आलोकित करता है. मानवता के इतिहास में श्रीश्री ठाकुर जी ने स्वयं ज्ञान का प्रकाश बनकर मानव हृदय को अलोकित किया है.
अपने जन्म के समय से ही अपनी दिव्यता से उन्होंने भारत ही नहीं विश्व को नयी राह दिखायी है. श्रीमती मुर्म देवघर में आयोजित श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के 128वां जन्म महामहोत्सव में शिरकत करने पहुंची थीं. यहां उन्होंने 301 वें अखिल भारतीय ऋत्विक सम्मेलन का उदघाटन किया.
राज्यपाल ने कहा कि देवघर का यह सत्संग आश्रम, जहां देश-विदेश से अनुयायी पहुंचे हैं. यहां का सत्संग धार्मिक सीमाओं से परे है. यह सदभावना का भी संदेश देता है. श्रीश्री ठाकुर जी द्वारा स्थापित यह आश्रम मानवजाति का मार्गदर्शन कर रहा है. सत्संग के पथ पर चलते हुए ही राज्य व राष्ट्र की प्रगति हो सकती है. समाज में सदभावना और मजबूत हो, यही कामना है. उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए गर्व की बात है कि श्रीश्री ठाकुर जी जैसे महान संत का ज्ञान यहीं से प्रस्फुटित हुआ है. ये ऐसे संत हुए जिनसे महात्मा गांधी, चित्तरंजन दास, सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान विभूति तक मिले और प्रभावित हुए थे. श्रीश्री ठाकुर जी ने अपनी सकारात्मक ऊर्जा से समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाया.