17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गांव तो नहीं, पर मानस बदल गया

गांव तो नहीं, पर मानस बदल गया….तीन तसवीर है सांसद परिमल नथवाणी ने लिया है गांव को गोद नामकुम का बड़ामसंजय, रांचीरांची-पुरुलिया रोड पर अारा के पास एक गांव हैं बड़ाम. गत दो दशकों तक यह गांव बदनाम रहा है, हत्या, झगड़े व अन्य फसाद के लिए. खौफ ऐसा कि सूरज ढलने के बाद कोई […]

गांव तो नहीं, पर मानस बदल गया….तीन तसवीर है सांसद परिमल नथवाणी ने लिया है गांव को गोद नामकुम का बड़ामसंजय, रांचीरांची-पुरुलिया रोड पर अारा के पास एक गांव हैं बड़ाम. गत दो दशकों तक यह गांव बदनाम रहा है, हत्या, झगड़े व अन्य फसाद के लिए. खौफ ऐसा कि सूरज ढलने के बाद कोई वाहन चालक इस गांव में जाना नहीं चाहता था. टाटीसिलवे पुलिस के लिए सिरदर्द वाला गांव, जहां लोग दिन भर पीकर टुन्न रहते थे. पर धीरे-धीरे बड़ाम बदल रहा है. कहते हैं सब बदल जाये, पर मानस नहीं बदलता. पर बड़ाम की कहानी दूसरी है. विकास, जीवन शैली में सुधार तथा अन्य सुख-सुविधा मिलने की तो बस शुरुअात ही हुई है. पर इससे पहले गांव का मानस बदल गया है. वहीं के लोग यह कह रहे हैं. गांव की बेटी अौर आंगनबाड़ी सेविका सुनीति पलिया ने कहा कि ग्रामीण अब फालतू काम तथा बदनामी से बचते हैं. राज्य सभा सांसद परिमल नथवाणी के इस गांव को वर्ष भर पहले गोद लेने के बाद से यह मानसिकता बनने लगी है. बड़ाम पंचायत के मुखिया तानिश व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों सहित समझदार ग्रामीणों के प्रयास से सबकी समझ बढ़ रही है. ग्रामीण यह कहते सुने जाते हैं कि ऐसा मत करो, गांव बदनाम होगा. सांसद के गांव गोद लेने के बाद कुछ बदलाव अौर हुए हैं. गांव के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक अब बिल्कुल समय पर आते हैं. ग्राम सभा की बैठक में जरूरत हो, तो प्रखंड के पदाधिकारी भी आते हैं. हर माह दो से तीन हेल्थ कैंप लगता है. केजीवीके से संचालित शालिनी अस्पताल सहित दूसरे अस्पताल यह शिविर लगाते हैं. दूसरी बड़ी बात घर-घर में शौचालय का निर्माण होना है, जिसने महिलाअों व युवतियों को बड़ा सुकून दिया है. गांव की रीता व सुखनी पाहन ने कहा कि अब बीमार रहने, पेट खराब होने या विपरीत मौसम में उन्हें शौच के लिए समस्या नहीं होती है. अब मेहमान आने पर उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ता है. अभी कुल 986 शौचालय में से करीब दो सौ का निर्माण कर लिया गया है. पर अभी सब कुछ बदलने में वक्त लगेगा. करीब साढ़े पांच हजार आबादी वाले बड़ाम व इसके टोलों कदम टोली, नीचे टोली, ऊपर टोली, अंबा टोली, पाहन टोली, मंजर टोली, ढ़ीपा टोली व जड़ा टोली के कुल 986 मकानों में से अभी करीब चार सौ घरों में ही बिजली है. सरकारी काम की रफ्तार भी यहां धीमी है. इसलिए बड़ाम पंचायत का सचिवालय तथा इसके तीन टोलो में बन रहे अांगनाबाड़ी केंद्र अधूरे हैं. गांव के लोगों ने सांसद नथवामी को आदर्श विद्यालय, स्वास्थ्य उप केंद्र, स्टेडियम व कुछ सड़कों सहित कुल 42 मांगों की सूची सौंपी है. इनमें से जरूरी काम भी हुए, तो बड़ी उपलब्धि होगी. इधर शराब बनाने व पीने के लिए बदनाम रहे इस गांव में कुछ लोग अब भी मानने को तैयार नहीं हैं. मुखिया तानिश ने कहा कि हम इस पर रोक लगायेंगे. यह रोक लगी, तो फिर बड़ाम के विकास में कोई अौर रोक नहीं होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें