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इंवॉयस वाइज बिल देना संभव नहीं : चेंबर

इंवॉयस वाइज बिल देना संभव नहीं : चेंबरमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से मिले चेंबर प्रतिनिधिवरीय संवाददाता, रांचीइंवॉयस वाइज डिटेल्स, माडा टैक्स, डेवलपमेंट एग्रीमेंट शुल्क व पंडरा बाजार को मतगणना केंद्र से मुक्त करने की मांग को लेकर चेंबर का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष पवन शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिला. […]

इंवॉयस वाइज बिल देना संभव नहीं : चेंबरमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से मिले चेंबर प्रतिनिधिवरीय संवाददाता, रांचीइंवॉयस वाइज डिटेल्स, माडा टैक्स, डेवलपमेंट एग्रीमेंट शुल्क व पंडरा बाजार को मतगणना केंद्र से मुक्त करने की मांग को लेकर चेंबर का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष पवन शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एक-एक व्यवसायी हर माह दस से बीस हजार बिल काटता है. इन सभी का विवरण देना संभव नहीं है. जेवैट 200 में पुरानी व्यवस्था टिन वाइज फिगर को लागू किया जाये. रजिस्टर्ड डीलर वाइज फिगर भरना सही रहेगा, नन-रजिस्टर्ड डीलर का डिटेल्स बिल वाइज मांगना ठीक नहीं. इंडस्ट्री इनपुट टैक्स पर जो संशोधन किया गया है, वह कहीं से भी झारखंड प्रदेश में अवस्थित उद्योगों के लिए उचित नहीं है. फेडरेशन चेंबर विभाग के इस निर्णय पर असंतोष व्यक्त करता है और आग्रह करता है कि विभाग अपने इस निर्णय को जल्द से जल्द वापस ले. साथ ही जेवैट 504 पी, जी, बी की बाध्यता समाप्त करने, सलाहकार समिति को एक्टिव करने, परमिट में भूल होने पर ऑनलाइन कैंसिलेशन की व्यवस्था सुलभ करने, करमुक्त वस्तुओं पर वार्षिक रिटर्न का प्रावधान तय करने और ऐसी वस्तुओं को एसेसमेंट की प्रक्रिया से मुक्त करने सहित अन्य विषयों को रखा. चेंबर ने बताया कि माडा टैक्स को धनबाद और बोकारो क्षेत्र में लगाया गया था जिसे संशोधित करते हुए पूरे झारखंड में लगाया गया है. इस अध्यादेश में व्यवसायियों से बाजार फीस वसूली के लिए कुर्की, जब्ती, वारंट निर्गत, बैंक एकाउंट फ्रीज, अचल संपत्ति की जब्ती इत्यादि प्रावधान हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक है. इससे व्यवसायियों के बीच भय एवं अनिश्चितता का माहौल व्याप्त है. इस फीस के तहत 11 प्रकार के व्यापार-उद्योग पर प्रत्येक बिंदु पर एक प्रतिशत क्रमवार तथा कुल पांच प्रतिशत अतिरिक्त फीस/कर (वैट के अलावा) तय किया गया है, जो अव्यवहारिक है. साथ ही पंडरा बाजार समिति प्रांगण को मतगणना केंद्र नहीं बनाये जाने का आग्रह किया. कहा कि डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर राज्य सरकार द्वारा नयी शुल्क निर्धारित तीन महीने पूर्व कर दी गयी है, परंतु अधिसूचना निर्गत नहीं होने से निर्माण कार्य बाधित है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने चेंबर की सभी समस्याओं को उचित ठहराया और कहा कि दुर्गा पूजा के उपरांत वे मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित सभी विभागीय पदाधिकारियों के साथ चेंबर की एक ओपेन हाउस मीटिंग आयोजित करेंगे. समस्याओं के निष्पादन त्वरित गति से हो, यह सुनिश्चित करेंगे. प्रतिनिधिमंडल में चेंबर महासचिव विनय अग्रवाल, सह सचिव राहुल मारू और जेसिया की ओर से योगेन्द्र ओझा एवं अंजय पचेरिवाल सहित अन्य सदस्य शामिल थे.

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