ओके:::पिठोरिया में शारदीय दुर्गा पूजा का 100 वर्ष पूरापिठोरिया़ पिठोरिया में दुर्गा पूजा की शुरुआत वर्ष 1916 में हुई़ गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यहां पूजा शुरू करने का श्रेय मुख्य रूप से भुवनेश्वर मिश्र, पशुपति सेन गुप्त, जगेश्वर मोदी, झलकनाथ साव, शिवनारायण साव, बहादुर सिंह, लक्ष्मी साहू, लक्ष्मी मुंशी व पुरोहित अर्जुन मणि मिश्र को जाता है. वर्ष 1923 से बेलवरण पूजा के खर्च और दायित्व की जिम्मेदारी लक्ष्मी साहू ने लिया. संयोगवश दूसरे वर्ष बेलवरण पूजा के पश्चात लक्ष्मी साहू का निधन हो गया़ इस घटना के बाद गांव में अफवाह फैल गयी कि बेलवरण पूजा करने के कारण ही उनका निधन हुआ़ इस अफवाह के बावजूद लक्ष्मी साहू के परिवार के सदस्य 1925 ई से बेलवरण पूजा के दायित्व को निभा रहे हैं, लेकिन उनके परिवार में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति नहीं हुई है. 1916 ई से 1934 ई तक बलि देने की प्रथा थी, लेकिन 1935 ई मेें बिहार राज्य के गया जिला निवासी बैद्यनाथ शर्मा की पहल पर वैष्णवी पद्धति से पूजा शुरू हुई. संप्रति वैष्णवी पद्धति से ही पूजा होती है. मंगलवार को 100 वर्ष होने के उपलक्ष में 1100 महिलाओं ने कलश यात्रा में भाग लिया. स्थानीय परकला तालाब से कलश यात्र शुरू होकर दुर्गा मंदिर में समाप्त हुआ. साथ ही कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा शुरू हो गई. मौके पर पूजा समिति के सभी पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे.
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ओके:::पिठोरिया में शारदीय दुर्गा पूजा का 100 वर्ष पूरा
ओके:::पिठोरिया में शारदीय दुर्गा पूजा का 100 वर्ष पूरापिठोरिया़ पिठोरिया में दुर्गा पूजा की शुरुआत वर्ष 1916 में हुई़ गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यहां पूजा शुरू करने का श्रेय मुख्य रूप से भुवनेश्वर मिश्र, पशुपति सेन गुप्त, जगेश्वर मोदी, झलकनाथ साव, शिवनारायण साव, बहादुर सिंह, लक्ष्मी साहू, लक्ष्मी मुंशी व पुरोहित अर्जुन मणि मिश्र […]
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