रांची: रांची के ग्रामीण इलाके में इन दिनों नक्सल व उग्रवादी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही नक्सलियों व उग्रवादियों की गतिविधि भी बढ़ी है. इसकी पुष्टि गत तीन माह में पुलिस द्वारा तैयार आंकड़ों से होती है. मई माह में जहां उग्रवादी घटनाओं से संबंधित तीन मामले दर्ज किये गये थे, वहीं जून माह में यह आंकड़ा बढ़ कर सात हो गया. जुलाई माह में यह आंकड़ा बढ़ कर आठ हो गया.
इन तीन माह में शहरी क्षेत्रों में उग्रवादी घटनाओं से संबंधित सिर्फ दो मामले दर्ज किये गये. इस दौरान सबसे ज्यादा टीपीसी के उग्रवादियों के सक्रिय होने की बात सामने आयी. लेवी के लिए टीपीसी उग्रवादियों ने हमला के साथ-साथ फोन पर भी लोगों को जान से मारने की धमकी दी. पुलिस कार्रवाई में कुछ टीपीसी उग्रवादी पकड़े भी गये, इसके बावजूद इनकी गतिविधियां कम नहीं हुई. मिली जानकारी के अनुसार अभी भी ग्रामीण इलाके के कुछ थाना क्षेत्रों में टीपीसी के उग्रवादी सक्रिय हैं और लोगों से लेवी वसूल रहे हैं.
केस-एक-25 जुलाई
नरकोपी थाना में रामधन उरांव की लिखित शिकायत पर दो मोबाइल नंबर धारक अज्ञात के खिलाफ दो लाख लेवी मांगने से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. लेवी नहीं देने पर हत्या की धमकी दी गयी थी. पुलिस जांच में दोनों मोबाइल नंबर एक ही व्यक्ति दीपनारायण यादव का निकला. वह टीपीसी में है. उसे लोग विवेकजी के नाम से जानते हैं.
केस-दो-10 जुलाई
खलारी पुलिस ने हथियार के साथ उग्रवादी होने के संदेह पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. सभी लेवी वसूलने के लिए सुभाषनगर के पास एकत्र हुए थे. पुलिस जांच में सभी तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के उग्रवादी निकले. जांच में यह भी बात सामने आया कि वे लोग टीपीसी के लिए स्थानीय व्यवसायियों से लेवी वसूलने का काम करते थे.