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बिहार चुनाव के दौरान सीमा क्षेत्र में हो सकती है नक्सली घटनाएं
एक माह पहले ही गृह मंत्रालय ने दी थी राज्य पुलिस को चेतावनी रांची : पुलिस के लिए संथाल परगना में नक्सली बड़ी चुनौती बन गये हैं. बिहार चुनाव के समय सीमा क्षेत्र में घटनाएं हो सकती हैं. यह चेतावनी करीब एक माह पहले गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस को दी थी. दिल्ली में गृह […]
एक माह पहले ही गृह मंत्रालय ने दी थी राज्य पुलिस को चेतावनी
रांची : पुलिस के लिए संथाल परगना में नक्सली बड़ी चुनौती बन गये हैं. बिहार चुनाव के समय सीमा क्षेत्र में घटनाएं हो सकती हैं. यह चेतावनी करीब एक माह पहले गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस को दी थी. दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस अफसरों की बैठक में इसकी जानकारी दी गयी थी. इसमें कहा गया था कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार से सटी सीमा पर नक्सली गड़बड़ी कर सकते हैं.
चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में नक्सली एक-राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करेंगे. इस कारण वे घटनाओं को भी अंजाम दे सकते हैं. उसी बैठक में झारखंड व बिहार की पुलिस के अधिकारियों को बताया गया था कि भाकपा माओवादी ने संथाल परगना (दुमका, पाकुड़, गोड्डा, व जामताड़ा)- बांका- जमुई इलाके को अलग स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) बनाया है. इस वजह से इन इलाकों में खतरे बढ़ गये हैं. इन इलाकों में नक्सलियों से निबटना पुलिस के लिए चुनौती होगी.
ताला का दस्ता सक्रिय है सुंदर पहाड़ इलाके में
भाकपा माओवादी का नक्सली ताला मुर्मू का दस्ता सुंदरपहाड़ी इलाके में सक्रिय है. गोड्डा पुलिस को पिछले कई माह से इसकी सूचना लगातार मिल रही थी. हालांकि पुलिस को दस्ते के मूवमेंट के बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं मिलती थी. सूत्रों के मुताबिक, ताला के दस्ते में 20-25 की संख्या में हथियारबंद नक्सली शामिल हैं. सुखलाल मुर्मू उर्फ ताला गिरिडीह के पीरटांड़ क्षेत्र का रहने वाला है. उसके दस्ते में जो प्रमुख नक्सली हैं, उनमें जामताड़ा का कंचन यादल, दुमका के काठीटांड़ का किरण टुडू और सुजीत किस्कू शामिल है.
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