17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर में मिलनेवाले 90 हजार के स्टेंट की कीमत दल्लिी में सर्फि 24 हजार

शहर में मिलनेवाले 90 हजार के स्टेंट की कीमत दिल्ली में सिर्फ 24 हजाररांची के रिटायर्ड अधिकारी ने कहा कि भ्रमित करते हैं राजधानी के चिकित्सकफोटो : राज वर्माराजीव पांडेय, रांचीराजधानी के कमर्शियल एंड टैक्स विभाग के सेवानिवृत डिप्टी कमिशनर पारस नाथ सिन्हा जब हृदय की बीमारी की चपेट में आये, तो शहर में स्टेंट […]

शहर में मिलनेवाले 90 हजार के स्टेंट की कीमत दिल्ली में सिर्फ 24 हजाररांची के रिटायर्ड अधिकारी ने कहा कि भ्रमित करते हैं राजधानी के चिकित्सकफोटो : राज वर्माराजीव पांडेय, रांचीराजधानी के कमर्शियल एंड टैक्स विभाग के सेवानिवृत डिप्टी कमिशनर पारस नाथ सिन्हा जब हृदय की बीमारी की चपेट में आये, तो शहर में स्टेंट के खेल को समझ पाये. उन्हें पता चला कि राजधानी में किस तरह स्टेंट के नाम पर अस्पताल अधिक पैसा वसूलते हैं. पारसनाथ ने बताया कि रांची के अस्पतालों में जिस स्टेंट के लिए 80 से एक लाख रुपये का एस्टीमेट दिया गया था, उसके लिए दिल्ली के जीबी पंत जैसे बड़े अस्पताल में मात्र 24 हजार रुपये ही लगा. इलाज कराने के बाद आज वह महसूस करते है कि अच्छा ही हुआ कि राजधानी के अस्पतालों में इलाज नहीं कराया. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर ने स्टेंट की कीमत के खेल को बिल्कुल सच उजागर किया है. रिम्स से निजी अस्पतालों तक ने किया भ्रमितअगस्त 2014 में पारसनाथ सीने में दर्द होने पर इलाज कराने रिम्स गये. वहां एंजियोग्राफी के बाद चिकित्सक ने हृदय की धमनियों में चार जगह ब्लॉकेज बताया. 15 दिनों में दो स्टेंट लगाने की सलाह दी. स्टेंट लगाने का पूरा खर्च 2.15 से ढाई लाख बताया. वहीं राजधानी के अन्य अस्पतालों ने तीन लाख का खर्च बताया. किसी ने सलाह दी कि दिल्ली जाये, वहां हार्ट का इलाज सस्ते में होता है.रांची में 1.30 लाख तो दिल्ली में वही स्टेंट 42 हजार में पारसनाथ ने बताया कि जीबी पंत में कंपनी वाले आसानी से उपलब्ध होते हैं. वहां हर रेंज का स्टेंट उपलब्ध होता है. देशी एवं विदेशी स्टेंट भी राजधानी से बहुत सस्ता मिलता है. यहां जिस विदेशी स्टेंट की कीमत 1.30 लाख बतायी जाती है, वह जीबी पंत में 42 हजार रुपये में मिलता है. भारतीय स्टेंट तो 24 हजार में मिल जाता है. वहां एक मरीज ग्राहक की तरह स्टेंट खरीदता है. अगर कोई संस्था हो, तो उसकी कीमत और भी कम हो जाती है़ …बाहर जायेंगे तो यहीं न होगा जीबी पंत अस्पताल में स्टेंट लगाने के बाद उन्हें परामर्श लेने के लिए राजधानी के चिकित्सकों से मिलने की सलाह दी गयी. पारसनाथ ने बताया कि एक बार समस्या होने पर वह शहर के एक पुराने अस्पताल में गये, तो चिकित्सक ने कहा कि बाहर जायेंगे तो यही न होगा. कहीं गलत स्टेंट तो नहीं लगा दिया गया. एंजियोग्राफी करनी होगी. गैस की दवा भी खाने को बंद करने को कहा. दिल्ली जाने पर चिकित्सक ने जांच के बाद कहा कि आपको कोई समस्या नहीं है. गैस की दवा आपने क्यों बंद कर दी. दवा फिर से शुरू की, तो आज तक कोई समस्या नहीं हुई. बाॅक्स बना दे:::::एक माह में स्टेंट की कीमत तय होगी स्वास्थ्य सचिव के विद्यसागर ने कहा कि स्टेंट की कीमत 15 दिन से एक माह में निर्धारित कर ली जायेगी. रिम्स निदेशक को एम्स, पीजीआइ चंडीगढ़, जीबी पंत एवं अन्य बड़े अस्पताल से कीमत मंगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार स्टेंट मामले में पूरी तरह गंभीर है. किसी भी कीमत में गरीब मरीजों का पैसा बर्बाद नहीं होने दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें