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हाईकोर्ट ने सिपाही बहाली मामले में दिया निर्देश, राज्य से बाहर के मैट्रिक पास अभ्यर्थियों का भी आवेदन लें

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को राज्य से 10वीं पास करनेवाले ही पुलिस बहाली के लिए आवेदन कर सकेंगे, संबंधी नियमावली में दी गयी शर्त को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पुन: जवाब मांगा है. साथ ही मुकदमे का अंतिम परिणाम आने तक औपबंधिक रूप से प्रार्थियों का आवेदन ऑफलाइन […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को राज्य से 10वीं पास करनेवाले ही पुलिस बहाली के लिए आवेदन कर सकेंगे, संबंधी नियमावली में दी गयी शर्त को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पुन: जवाब मांगा है. साथ ही मुकदमे का अंतिम परिणाम आने तक औपबंधिक रूप से प्रार्थियों का आवेदन ऑफलाइन स्वीकार करने का झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को आदेश दिया है. राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया.
मामले की सुनवाई जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में हुई. कोर्ट में कहा गया कि झारखंड से मैट्रिक (10वीं) की परीक्षा पास करनेवाले ही सिपाही बहाली के लिए आवेदन कर सकेंगे, यह शर्त असंवैधानिक है. इसे निरस्त करने का आग्रह किया गया. मामले की अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी. मालूम हो कि प्रार्थी राकेश कुमार एवं अन्य, संजय कुमार सिंह व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर नियमावली में झारखंड राज्य से मैट्रिक (10वीं) की परीक्षा पास करने की लगायी गयी शर्त को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है.
उत्क्रमित हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में जैक से जवाब मांगा
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को उत्क्रमित हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी भी जतायी. मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी. प्रार्थी आशीष कुमार भारती व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है. मामले की सुनवाई के बाद प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने बताया कि चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने जैक से पूछा कि जब प्रथम पत्र की जांच में सफल होने के बाद ही द्वितीय पत्र की जांच करने तथा द्वितीय पत्र के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाने का प्रावधान था, तो किन परिस्थितियों में बिना प्रथम पत्र की जांच किये द्वितीय पत्र की जांच की गयी. इस तरह के कितने मामले हैं, उसकी सूची पेश की जाये.

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