आज इन जमातों की मंशा इनके शहादत का उपयोग कर सत्ता में बने रहना है. विषय प्रवेश कराते हुए कलाम रसीदी ने कहा कि आज देश के अंदर सांप्रदायिक ताकतें तेजी से उभर रही हैं. मजदूर किसानों के अहित करनेवाले कानून और व्यवस्था उफान पर है. ऐसे में जनपक्षीय संघर्ष के आंदोलन को तेज करने की जरूरत है. मौके पर इप्टा के सचिव उमेश नजीर, विपुल दिव्या, अजय कुमार सिंह आदि ने भी विचार रखे.
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भगत सिंह की शहादत पर कब्जा चाहते हैं कुछ जमात
रांची. शहीद-ए-आजम भगत सिंह की शहादत पर कुछ जमात कब्जा करना चाहते हैं. वामपंथ ही भगत सिंह की परंपरा के प्राकृतिक उतराधिकारी रहे हैं. उक्त बातें रविवार को भाकपा कार्यालय में शहीद भगत सिंह पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कही. शिक्षक नेता बाबूलाल झा ने कहा कि भगत सिंह और उनके साथी साम्राज्यवाद के […]
रांची. शहीद-ए-आजम भगत सिंह की शहादत पर कुछ जमात कब्जा करना चाहते हैं. वामपंथ ही भगत सिंह की परंपरा के प्राकृतिक उतराधिकारी रहे हैं. उक्त बातें रविवार को भाकपा कार्यालय में शहीद भगत सिंह पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कही. शिक्षक नेता बाबूलाल झा ने कहा कि भगत सिंह और उनके साथी साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे. उस समय एक जमात ब्रिटिश साम्राज्यवाद की चरण वंदना में लगे थे.
मार्च निकाला : गोष्ठी के बाद शनिवार को राजधानी में घटी घटना को लेकर शांति मार्च निकाला गया. मेन रोड में निकाली गयी शांति मार्च में सचिदानंद मिश्र, अजय कुमार सिंह, सूबेदार राम, हसीब अंसारी, इशहाक अंसारी, विकास साह, विपुल दिव्या, ललित आदित्य, इफ्तेखार महमूद, श्यामल चक्रवर्ती, ललन मिश्र आदि मौजूद थे.
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