रांची: आनंद ज्वेलर्स में अपराधियों द्वारा की गयी चोरी के तरीकों पर पुलिस व अन्य जानकार माथा पच्ची कर रहे हैं. पुलिस की मानें, तो इतनी बड़ी वारदात को अंजाम वही दे सकता है, जिसे दुकान के कोने-कोने की जानकारी हो. अपराधियों में वैसे लोग भी शामिल हैं, जो लोहे व स्टील की सीट काटने में निपुण हैं. वहीं गेम प्लान करनेवाला भी शातिर दिमाग का है. पुलिस यह मान कर चल रही है कि घटना को अंजाम देने में कम से कम 15 लोग शामिल होंगे. लंबे समय तक गार्ड और कंस्ट्रक्शन साइड पर नजर रखने के साथ-साथ पुलिस पर भी उनकी नजर होगी.
व्यवसायियों को नहीं मिलता लाइसेंस
रांची: थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्षप्रवीण लोहिया का कहना है कि अपनी सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस व्यवसायियों का नहीं दिया जाता. जबकि जेडी नंदी जैसे जमीन कारोबारी को पांच-पांच हथियार के लाइसेंस मुहैया कराये गये. मुख्यमंत्री ने अपने बयान में व्यवसायियों को लाइसेंस देने की बात कही, लेकिन लाइसेंस मजिस्ट्रेट इस मामले में गंभीर नहीं है.
..और पूजा ही था चोरों के लिए सही वक्त
अपराधी इतने शातिर थे कि चोरी के लिए उन्होंने दुर्गा पूजा का ही वक्त चुना. उन्हें पता था कि इतनी बड़ी चोरी में वक्त लगेगा. दुकान के अंदर गेट काटने की आवाज गार्ड को मिलती, लेकिन पास के पूजा पंडाल में बज रहे लाउडस्पीकर से गेट काटने की आवाज दब गयी. गार्ड को भनक तक नहीं लगी. अपराधियों को दुकान में दाखिल होने से पहले सात दरवाजों को काटना पड़ा. इनमें चार दरवाजे ऐसे हैं, जिसके दोनों तरफ स्टील सीट लगे हुए हैं. इसे काटने में अपराधियों को काफी वक्त लगा होगा. गेट को एक्सपर्ट ही काट सकता है.
मॉल में मिले रेनकोट और चप्पल
रांची: आनंद ज्वेलर्स में चोरी की घटना अंजाम दुकान के पीछे बन रहे निर्माणाधीन मॉल से घुस कर अपराधियों ने दिया था. मॉल में अपराधियों के रेनकोट, टोपी, रूमाल और चप्पल छूट गये थे. उन वस्तुओं के सहारे भी डॉग स्क्वायड किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा. डॉग स्क्वायड की टीम दुकान में ही घुमती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चला.
टीम बना कर की जा रही है छापामारी
इतनी बड़ी चोरी की घटना के बाद रांची पुलिस की नींद उड़ गयी है. वरीय अधिकारियों ने टीम बना कर पुलिस पदाधिकारियों को विभिन्न क्षेत्र में छानबीन के लिए भेजा है. हालांकि पुलिस अब तक सिर्फ खाख ही छान रही है.
कम से कम 15 अपराधी होंगे
सोने-चांदी व हीरे के जेवरात को ले जाने में चोरों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई होगी. लेकिन चोरी गये चांदी के सामानों की मात्रा पर गौर करें, तो साफ है सामान को ले जाने के लिए 15-20 थैलों का इस्तेमाल किया गया होगा. इसे ले जाने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ी होगी. इसे ले जाने के लिए गाड़ी का भी इस्तेमाल किया गया होगा.
कुशल कारीगर भी थे चोर
दरवाजे को काटने के लिए अपराधियों ने कटर का इस्तेमाल किया. हर दरवाजे के पास ढ़ेर सारे इस्तेमाल किये गये ब्लेड मिले हैं. एक्सपर्ट की मानें, तो गेट को गैस कटर से नहीं काटा गया, क्योंकि उससे गेट में गैस कटर के दाग नहीं हैं.
सीआइडी की जांच शुरू
चोरी की घटना को लेकर बुधवार से सीआइडी के अधिकारियों ने पड़ताल शुरू कर दी है. सीआइडी के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना को किस गिरोह ने अंजाम दिया है. इसके लिए सीआइडी के अधिकारी पूर्व में चोरी के मामले में जेल जा चुके संदिग्ध लोगों के संबंध में जानकारी एकत्र कर रहे हैं. फिलहाल सीआइडी के अधिकारी प्राथमिकी में दर्ज बातों के संबंध में एक प्रतिवेदन तैयार कर सीआइडी मुख्यालय भेजेंगे.