हंगामा कर रहे सदस्यों ने पहले मारवाड़ी वीमेंस कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ एलिस आइंद को उनके ही चैंबर में बंधक बना लिया. इसके बाद सदस्य डॉ जेके सिंह व प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह को वीमेंस सेक्शन में बुलाने की मांग करने लगे. कुछ देर में ही डॉ रंजीत सिंह वीमेंस सेक्शन पहुंचे. सदस्यों ने उन्हें भी प्रोफेसर इंचार्ज के साथ चैंबर में बंधक बना दिया, साथ ही तालाबंदी कर दी. अब हंगामा कर रहे सदस्य डॉ सिंह को सामने बुलाने की मांग करने लगे. इस बीच कोतवाली पुलिस भी परिसर में पहुंच गयी. पुलिस व कॉलेज के ही प्रोफेसर विनय भरत ने हंगामा कर रहे छात्रों को समझाया. पुलिस ने सदस्यों के साथ-साथ छात्राअों को भी आश्वासन दिया कि जो भी कानून सम्मत कार्रवाई होगी, पूरी की जायेगी. छात्रा ने अपने साथ हुई घटना की लिखित शिकायत प्राचार्य से की. इस बीच प्राचार्य ने डॉ जेके सिंह को इंटरमीडिएट सेक्शन के इंचार्ज पद से हटा दिया अौर उनकी जगह डॉ एएन शाहदेव को इंटरमीडिएट सेक्शन का प्रभार दिया गया.
प्राचार्य ने हंगामा कर रहे सदस्यों को बताया कि पूरे मामले की जांच करायेंगे, जबकि डॉ सिंह पर कार्रवाई के लिए वे विवि के पास पत्र भेजेंगे. बताया जाता है कि भुक्तभोगी छात्रा के पिता अधिवक्ता हैं. इधर छात्रा व उनके पिता को लेकर छात्र संगठन विवि मुख्यालय पहुंचे. वहां भी हंगामा किया. हंगामे के बीच ही किसी बात को लेकर आजसू व एनएसयूअाइ के सदस्य आपस में भिड़ गये. बाद में मामला किसी तरह शांत हुआ. कुलपति के नहीं रहने पर एनएसयूआइ के राष्ट्रीय प्रतिनिधि कुमार रौशन के नेतृत्व में छात्र संगठन के सदस्य डीएसडब्ल्यू के पास घटना की शिकायत की. शाम में कुलपति के आने पर आजसू के संयोजक हरिश कुमार और विवि अध्यक्ष अोम वर्मा के साथ भुक्तभोगी छात्रा ने कुलपति को घटना की जानकारी दी. कुलपति ने प्राचार्य को इस मामले में जांच कर यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह ने कहा है कि डॉ सिंह को कारण बताअो नोटिस जारी किया जा रहा है.