20 से 30 सितंबर तक कलम बंद असहयोग आंदोलन किया जायेगा. इसके बाद भी समाधान नहीं निकला, तो पांच अक्तूबर से आमरण अनशन शुरू किया जायेगा. धरना स्थल पर कहा गया कि राज्य कार्यकारिणी समिति के निर्देश पर छठे वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण के लिए समिति का गठन किया गया था.
समिति ने मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि की अनुशंसा की थी, लेकिन उसका लाभ अब तक परियोजनकर्मियों को नहीं दिया गया है. कर्मियों को ग्रुप बीमा, चिकित्सा भत्ता, भविष्य निधि आदि की सुविधा देने की मांग की गयी. परियोजना परिषद के लगभग 3000 से अधिक कर्मियों ने कामकाज ठप रखा. कर्मियों के आंदोलन की वजह से मुख्यालय सहित जिला कार्यालयों में कार्य प्रभावित हुआ.