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सिंगल विंडो एक्ट आने में 12 वर्ष लग गये
अब सिंगल विंडो सिस्टम को मिला वैधानिक अधिकार सीएम आठ सितंबर को करेंगे उदघाटन सुनील चौधरी रांची : राज्य सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम पर अध्यादेश जारी कर दिया है. पिछले 12 साल से सिंगल विंडो को एक्ट का रूप देने का प्रयास चल रहा था, पर हमेशा कोई न कोई अड़चन की वजह से […]
अब सिंगल विंडो सिस्टम को मिला वैधानिक अधिकार
सीएम आठ सितंबर को करेंगे उदघाटन
सुनील चौधरी
रांची : राज्य सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम पर अध्यादेश जारी कर दिया है. पिछले 12 साल से सिंगल विंडो को एक्ट का रूप देने का प्रयास चल रहा था, पर हमेशा कोई न कोई अड़चन की वजह से इसे टाल दिया जाता था. एक्ट न होने की वजह से सरकार को सिंगल विंडो सिस्टम को बंद करना पड़ा.
सरकार ने 23 अगस्त 2003 को नेपाल हाउस सचिवालय में सिंगल विंडो सिस्टम का कार्यालय खोला था. तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और तत्कालीन उद्योग मंत्री रवींद्र राय ने सिंगल विंडो सिस्टम का उदघाटन किया था. तब उद्योग विभाग के साथ-साथ खान विभाग, भू-राजस्व, जल संसाधन, श्रम विभाग, वन विभाग व ऊर्जा विभाग के एक-एक नोडल पदाधिकारियों को भी सिंगल विंडो कार्यालय में रखा गया था.
इसके पीछे मंशा थी कि एक ही जगह आवेदन लिये जाये और सारे क्लीयरेंस इसी सिंगल विंडो कार्यालय से हो जाय. पर होता इसके उलट था. निवेशक आवेदन देते.
नोडल अधिकारी उसे विभाग को भेज देते थे, जिसके चलते विलंब पर विलंब होता चला जाता था. आवेदन पर क्लीयरेंस देने का वैधानिक अधिकार न होने की वजह से नोडल पदाधिकारी अपने आप को असहाय महसूस करते थे. सिंगल विंडो सिस्टम छह माह में ही फ्लॉप हो गया और फिर यहां केवल उद्योग विभाग का कार्यालय ही चलने लगा.
आठ सितंबर को सीएम करेंगे उदघाटन : आठ सितंबर सिंगल विंडो अध्यादेश को जनता के सामने लाया जायेगा. इस दिन होटल बीएनआर में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इस कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एडवांटेज डॉट झारखंड डॉट गोव डॉट इन वेबसाइट लांच की जायेगी.
इसी वेबसाइट पर सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आवेदन लिये जायेंगे. साथ ही सिंगल साइन इन फॉर इज अॉफ डूइंग बिजनेस को भी लांच किया जायेगा. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास, डिपार्टमेंट अॉफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन(डीआइपीपी) के केंद्रीय सचिव अमिताभ कांत समेत मुख्य सचिव राजीव गौबा व राज्य के सभी मंत्री व उद्योग जगत से जुड़े प्रमुख लोग रहेंगे.
मेक इन इंडिया अभियान के लिए लाया गया सिंगल विंडो
पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया अभियान के तहत इज अॉफ डूइंग बिजनेस सिस्टम को आरंभ किया था. इसमें लगभग 98 अलग-अलग प्रकार के कानूनों को समाप्त करना है, ताकि लोग आसानी से देश में व्यवसाय कर सके उद्योग लगा सकें. झारखंड सरकार द्वारा श्रम कानून, पर्यावरण कानून, विद्युत इंस्पेक्टर से संबंधित कानून, वन विभाग से संबंधित नियमों में कई बदलाव किये गये हैं.
श्रम विभाग के 25 से अधिक कानूनों को समाप्त कर दिया गया है. सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की गयी है. इंस्पेक्टर राज सिस्टम को लगभग समाप्त कर दिया गया है. बिजली कनेक्शन के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गयी है. फैक्ट्री में अनावश्यक इंस्पेक्टर द्वारा निरीक्षण पद्धति को लगभग समाप्त करते हुए इसे एक बार तक सीमित कर दिया गया है.
इन सारे बदलावों को सिंगल विंडो सिस्टम से भी जोड़ा गया है. अब एक ही आवेदन लिये जायेंगे, जिसे कंबाइंड आवेदन का नाम दिया गया है. एक ही आवेदन पर निर्धारित समय सीमा में क्लीयरेंस देना है. जिडको को सिंगल विंडो का नोडल एजेंसी बनाया जाना है.
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