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माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, जब लागू नहीं करना था तो क्यों लाया अध्यादेश

रांची: माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्र सरकार को जब भूमि अधिग्रहण बिल लागू नहीं करना था, तो अध्यादेश क्यों लेकर आयी? इसको लेकर पूरे देश को परेशान क्यों किया गया. 31 अगस्त को केंद्र द्वारा लाये गये इस अध्यादेश का अंतिम दिन है. सरकार को यह पहले ही सोचना चाहिए […]

रांची: माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्र सरकार को जब भूमि अधिग्रहण बिल लागू नहीं करना था, तो अध्यादेश क्यों लेकर आयी? इसको लेकर पूरे देश को परेशान क्यों किया गया. 31 अगस्त को केंद्र द्वारा लाये गये इस अध्यादेश का अंतिम दिन है. सरकार को यह पहले ही सोचना चाहिए था. जनता पर अपनी बात थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी.

श्री येचुरी रविवार को राजधानी में स्थित माकपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार ने पूरे देश को परेशान कर दिया है.
बात मेक इन इंडिया की, बंद हो रही कंपनियां
श्री येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया की बात कह रहे हैं. इधर कंपनियां बंद हो रही हैं. तमिलनाडु में नोकिया की कंपनी बंद हो गयी. इसमें सैंकड़ों युवा इंजीनियर बेरोजगार हो गये. स्पेशल इकोनॉमिक जोन के तहत अधिगृहीत की गयी भूमि पर काम शुरू नहीं हो रहा है. किसानों को जमीन भी नहीं लौटायी जा रही है. कानून है कि पांच साल तक अधिगृहीत जमीन का उपयोग नहीं होने पर इसे रैयत को वापस कर देना है. सरकार ने लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाये थे. जो पूरा होनेवाले नहीं है. अब केंद्र के मंत्री ही कह रहे हैं कि यह चुनावी जुमले थे.
खुद छह साल तक जीएसटी का विरोध किया था
श्री येचुरी ने कहा कि जिस जीएसटी का भाजपा ने पिछले छह साल तक विरोध किया, अब उसे ही पास कराना चाहती है. इस मुद्दे पर हम लोगों ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी. लेकिन सरकार इसके लिए भी तैयार नहीं है. जब सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देगी, तब तक केंद्र में सदन चलाना मुश्किल होगा.
सात सितंबर तक बिहार में सीट बंटवारे पर हो जायेगा फैसला: श्री येचुरी ने कहा कि बिहार में वामदल भी एक विकल्प है. वामदलों में सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर सात सितंबर तक फैसला हो जायेगा. वाम दल तीन मुद्दों के साथ चुनाव में उतर रही है. उसमें सांप्रदायिक शक्तियों को हराना, जातिवादी राजनीति से लोगों को मुक्ति दिलाना तथा वाम दल के विधायकों की संख्या बढ़ाना शामिल है. सभी वाम दलों में बातचीत चल रही है. सात सितंबर तक सामूहिक घोषणा हो जायेगी.
सरकार के पास साधन की नहीं, विजन की कमी
श्री येचुरी ने कहा कि सरकार के पास साधन की कमी नहीं है. कॉरपोरेट घरानों पर पांच लाख करोड़ का टैक्स बकाया है. इसका आधा भी वसूल लेंगे तो देश में बेरोजगारी दूर हो जायेगी. आधारभूत संरचना खड़ी हो जायेगी. असल में सरकार में बैठे लोगों के पास विजन ही नहीं है. वे देश में आरएसएस के एजेंडे को लागू करना चाहते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में संघ की नीति लायी जा रही है. देश के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश हो रही है.

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