रांची: अमेरिकन बार एसोसिएशन के ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंड कमीशन ऑन डोमेस्टिक एंड सेक्सुअल वायलेंस टास्क फोर्स की मुख्य काउंसेल विवियन ह्यूल्गो रांची के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं से बातचीत की. उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का दौरा भी किया.
विवियन ने मीडिया के लोगों से अनौपचारिक बातचीत की और कहा कि अमेरिका में भी ट्रैफिकिंग बड़ी समस्या है. यह ट्रैफिकिंग सेक्स के लिए किया जा रहा है. वहां की कई संस्थाएं ट्रैफिकिंग से लड़ने के लिए अपने तरीके से कार्य कर रही हैं. उन्होंने कहा कि विकसित, विकासशील, एशियाई देशों में ट्रैफिकिंग एक ज्वलंत समस्या है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिकिंग की समस्या से निजात पाने के लिए सतत शिक्षा का कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए. अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश करनी चाहिए.
60 से अधिक ट्रैफिकर्स पर लगा अंकुश : झारखंड के बारे में उन्हें बताया गया कि स्वंयसेवी संस्थानों की मदद से 60 से अधिक ट्रैफिकर्स पर अंकुश लगाया गया है. इतना ही नहीं महानगरों से छुड़वाई गयी जनजातीय युवतियों का उचित पुनर्वास और उनकी शिक्षा के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं.
अधिकतर युवतियों को कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकित कराया गया है. हाल ही में केरल से राज्य के एक सौ से अधिक बच्चों का रेस्क्यू कराया गया. इन्हें मध्य पूर्व खाड़ी के देशों में भेजा जा रहा था.
झारखंड में रेप विक्टिम बच्चियों को समय पर मदद नहीं : विवियन को बताया गया कि झारखंड में रेप विक्टिम बच्चों को समय पर मदद नहीं मिलती है. कहने को ऐसी पीड़ित बच्चियों को 2.50 लाख तक की मदद देने का प्रावधान है. इसमें से 25 प्रतिशत राशि विक्टिम को 24 से 48 घंटे में देना जरूरी है, पर अधिकतर मामलों में दोष साबित होने पर यह सहायता राशि दी जाती है.