जमशेदपुर: दपू रेलवे ग्रुप डी में फरजी बहाली के नाम पर कई युवकों से ठगी मामले में गिरफ्तार रेलकर्मी विश्वामित्र पान को बागबेड़ा पुलिस ने शुक्रवार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया. इस मामले में बागबेड़ा पुलिस को रैकेट के मुख्य सरगना सह रेलकर्मी जीतू उर्फ जीपी उपाध्याय उर्फ जितेंद्र कुमार प्रसाद गुप्ता उर्फ रंजीत कुमार उर्फ राजेंद्र प्रसाद की तलाश है. उसकी गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी जारी है.
ग्रुप डी कर्मी विश्वामित्र गांव में करता था वसूली
बागबेड़ा पुलिस ने जांच में पाया कि विश्वामित्र पान खुद ग्रुप डी (टाटानगर न्यू इलेक्ट्रिक लोको शेड) में कार्यरत है. ग्रुप डी में नौकरी दिलाने के नाम पर रूरल इलाकों में बेरोजगार युवकों को फंसाता था. वह बहाली के लिए चेक, ड्रॉफ्ट की बजाय नगद रुपये लेता था.
गौरतलब हो कि गुरुवार शाम आरपीएफ टाटा अौर सीआइबी टाटा की टीम ने टाटा स्टेशन के पास से उसे गिरफ्तार किया था. उस दौरान वह ग्रुप डी में बहाली के लिए फंसे युवकों से पैसे लेकर बकझक कर रहा था. इस मामले में किरीबुरू के युवक राजेश लागुरी (पीड़ित) के लिखित बयान पर विश्वामित्र पान के विरुद्ध 420, 467, 468, 471 406 व 120 बी की आइपीसी की धारा के तहत बागबेड़ा थाना में केस दर्ज कराया था.
14 युवकों से की 15.4 लाख रुपये की ठगी
हरेंद्रनाथ राम-बोलानी, जिला क्योंझर, ओड़िशा,अवधेश पासवान-बोलानी, जिला:क्योंझर, दुलाई मुंडा-बोलानी,
भुवन सेठी-बोलानी, राजेश लागुरी-किरीबुरू, ओड़िशा (शिकायतकर्ता)
दिव्यारानी सिंह-बोलानी, हरिशंकर राम-बोलानी, सुभाशीष कुमार- बोलानी, हरिश कुमार-बोलानी,