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आइटी के इस्तेमाल से ही हट सकते हैं बिचौलिये
किसान को मिलते हैं पांच रुपये, बिकता है 25 रुपये में, बिचौलिये खा जाते हैं 20 रुपये रांची : टेलीकॉम रेगुलेटरी अथोरिटी अॉफ इंडिया (टीआरएआइ) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसी भी चीज से बिचौलियों (मिडल मैन) को हटाया जा सकता है, यानी अनावश्यक जो लाभ बिचौलिये ले […]
किसान को मिलते हैं पांच रुपये, बिकता है 25 रुपये में, बिचौलिये खा जाते हैं 20 रुपये
रांची : टेलीकॉम रेगुलेटरी अथोरिटी अॉफ इंडिया (टीआरएआइ) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसी भी चीज से बिचौलियों (मिडल मैन) को हटाया जा सकता है, यानी अनावश्यक जो लाभ बिचौलिये ले लेते हैं, उससे बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज उत्पाद का मूल्य किसानों को अगर पांच रुपये मिलता है, तो बाजार में वह उत्पाद 25 रुपये में बिकता है. बीच का 20 रुपये बिचौलिये खा जाते हैं. यानी बेमतलब सबसे ज्यादा लाभ बिचौलियों को होता है.
अगर हम आइटी का इस्तेमाल करें, तो किसानों का उत्पाद केवल लोकल हाट तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसे बाहर भी भेजा जा सकेगा. ऐसे में हम और हमारा गांव सफल साबित होगा. आज जरूरत है कि हम इंफॉरमेशन कॉम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करें. श्री शर्मा शनिवार को यहां एटीआइ में आयोजित स्मार्ट विलेज के नेशनल कन्वेंशन के समापन पर बोल रहे थे.
श्री शर्मा ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर सविर्सेज का शेयर भारत के पास करीब 54 फीसदी है, लेकिन भारत में ही उसका उतना इस्तेमाल नहीं हो रहा है. हम जितना टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे, आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि यह केवल शहर की बिरसात नहीं है. इसे गांव में भी भरपूर इस्तेमाल कर शहर की तरह ही सारी सुविधाएं बहाल की जा सकती हैं. टेक्नोलॉजी को जहां ले जायेंगे, वहीं विकास होगा.
उन्होंने कहा कि सड़क बनाने की तरह ही अॉप्टिकल हाईवे बनायें, तभी स्मार्ट विलेज की परिकल्पना साकार होगी. उन्होंने डिजिटल इंडिया की परिकल्पना पर भी अपनी बातें रखी. साथ ही कहा कि मत्स्य पालन, सेरीकल्चर आदि में राज्य बेहतर कर रहा है, पर पारंपरिक कार्यों में टेक्नोलॉजी अपनायें, तो और रिजल्ट और भी बेहतर होगा.
कन्वेंशन के दूसरे दिन विभिन्न इलाकों से आये प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया. इसमें देश के विभिन्न इलाकों से 67 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था. इसमें 40 प्रतिनिधि यहां पहुंचे. प्रतिनिधियों ने स्मार्ट विलेज पर अपना-अपना सुझाव दिये हैं. कन्वेंशन का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग की ओर से किया गया. इसमें राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान की भी भूमिका महत्वपूर्ण रही. ग्रामीण विकास के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, सर्ड निदेशक प्रवीण शंकर ने भी अपनी बातें रखी. धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल ने किया.
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