रांची: नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मुख्यमंत्री सचिवालय में जनता की फरियाद सुनी. उन्होंने कहा कि सबकी शिकायतों का निष्पादन सरकार की तरफ से किया जायेगा. जमीन की शिकायत करनेवाले संयम बरतें. सरकार की तरफ से शिकायत पर अवश्य कार्रवाई की जायेगी. कब्जेवाली जमीन अथवा टाइटल से संबंधित विवादों में समय लगता है, इस पर थाना पुलिस और अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते हैं. उन्होंने फरियादियों की शिकायतों पर निष्पक्ष होकर अधिकारियों को काम करने का आदेश दिया.
उन्होंने कहा कि जनता काम चाहती है. सरकार गांवों के साथ-साथ शहरों का विकास भी करना चाहती है. इसलिए सरकार की तरफ से नगर निगम और स्थानीय निकायों को सहायता राशि दी जायेगी. शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचना विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है. जनता दरबार में जमीन विवाद, शौचालय निर्माण, स्ट्रीट लाइट लगाने, सड़क और नाली निर्माण, चिकित्सा सहायता, सरकारी नौकरी दिलाने में मदद करने समेत कई मामले आये. मुख्यमंत्री सचिवालय में 130 से अधिक लोग पहुंचे, जिसमें से 80 से अधिक मामले लिये गये. कुछ मामले जनसंवाद केंद्र में दर्ज शिकायतों के आधार पर भी आये.
अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें : विभू : नि:शक्त विभू जनता दरबार में ट्राइसाइकिल से पहुंचे थे. उसकी एक ही मांग थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंत्री और अधिकारियों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ें. विभू हातमा से आया था और वह दसवीं कक्षा का छात्र भी है.
इलाज के लिए चिकित्सा सहायता दें : सुनीता देवी : कांके के चांदनी चौक से आयी सुनीता देवी ने गॉल ब्लाडर स्टोन के आपरेशन के लिए सरकार से सहायता मांगी. नगर विकास मंत्री ने सरकार की तरफ से सहायता देने का आश्वासन दिया.
शरीर का हिस्सा काम नहीं करता है : शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा : राजधानी के गाड़ीखाना निवासी शत्रुघ्न प्रसाद रिक्शा चालक है. डेढ़ वर्ष पहले घर के पास बने कुंए के निकट गिरने की वजह से शरीर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया था. उनका इलाज रिम्स और वेल्लोर में हुआ. इलाज के बाद भी वे चलने-फिरने से लाचार हैं. शरीर का नीचला हिस्सा काम ही नहीं करता है. उनके परिवार का भरन-पोषण जैसे-तैसे हो रहा है. मंत्री सीपी सिंह ने उनकी पत्नी को एक सिलाई मशीन और पिको मशीन दिलाने का भरोसा दिलाया.
मुआवजा नहीं मिला : कृष्णा सिंह : केदारनाथ मंदिर की घटना में कृष्णा के माता-पिता का असामयिक निधन हो गया था. अब भी वह सहायता राशि के लिए भटक रहा है. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से डेढ़ लाख रुपये की सहायता राशि दिये जाने की घोषणा की गयी थी, जो अब तक नहीं मिली है. इसी प्रकार जयंत टोप्पो के पिता लालू भी केदारनाथ मंदिर की घटना में मारे गये थे. पिता की जगह पर बीएसएनएल में जयंत को अब तक नौकरी नहीं मिली. शिकायत लेकर जयंत आये थे.
जमीन लूट रहे हैं परिवार वाले : िरंपी लकड़ा : राजधानी के बहूबाजार की िरंपी लकड़ा अपनी जमीन हड़पे जाने की शिकायत को लेकर जनता दरबार पहुंची थी.
उनका कहना था कि उनकी 17 कट्ठा जमीन है. गरीबी की वजह से अपने भाई और उसकी पत्नी की कार्रवाई का वह विरोध नहीं कर पा रही हैं. नि:शक्त बेटे को पालने में दिक्कत हो रही है. नगर विकास मंत्री ने इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया.