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सरल हो वन अधिकार अधिनियम : लुईस मरांडी
वन अधिकार अधिनियम पर क्षेत्रीय कार्यशाला रांची : कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा है कि वन अधिकार अधिनियम को सरल बनाने की जरूरत है. तकनीकी परेशानियों के कारण काम में दिक्कत होती है. मंत्री शनिवार को एटीआइ में वन अधिकार अधिनियम पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं. इसका आयोजन कल्याण […]
वन अधिकार अधिनियम पर क्षेत्रीय कार्यशाला
रांची : कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा है कि वन अधिकार अधिनियम को सरल बनाने की जरूरत है. तकनीकी परेशानियों के कारण काम में दिक्कत होती है. मंत्री शनिवार को एटीआइ में वन अधिकार अधिनियम पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं.
इसका आयोजन कल्याण विभाग और स्वयं सेवी संस्था पैक्स ने मिल कर किया था. इसमें छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. डॉ मरांडी ने कहा कि इस कानून की सफलता के लिए ग्रामसभा को भी सशक्त करना होगा. वनों में रहनेवालों का आवेदन क्यों स्वीकार नहीं हो रहा है, यह जानकारी उनको देनी होगी. अधिकारियों को लोगों के साथ सहजता से पेश आना होगा.
पिछड़ रहा है झारखंड : भारत सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रलय के संयुक्त सचिव मनोज पिंगुआ ने कहा कि वन अधिकारी अधिनियम में झारखंड पिछड़ रहा है. ओड़िशा और छत्तीसगढ़ की तुलना में यहां कम लोगों को वन पट्टा दिया गया है.
यह सोचना गलत है कि वन पट्टा दिये जाने से वनों को नुकसान होगा. जनजातीय संस्कृति वन बचाने की है. वे लोग कभी वनों को नष्ट नहीं करेंगे. इनको राइट टू रिकार्ड भी दिया जाना चाहिए. कई राज्यों में ऐसा हो रहा है.
हक के साथ वन भी बचाना है
पीसीसीएफ बीसी निगम ने कहा कि वनों की सुरक्षा का दायित्व हमारा ही है. यह हमारे जीवन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है. वन में रहनेवालों को उनका अधिकार मिलना चाहिए. यह उनका हक है. लेकिन, जंगल बची रहे यह भी बड़ी जिम्मेदारी है.
रजिस्टर-दो में नाम दर्ज कराने का आदेश
भू राजस्व विभाग के उप सचिव अरुण वाल्टर भेंगरा ने कहा कि वन पट्टा हासिल करनेवालों का नाम रजिस्टर-दो में दर्ज करने का आदेश दिया गया है. इसमें पट्टा पानेवाले की पूरी विवरणी रहेगी. इसका दाखिल-खारिज नहीं होगा, क्योंकि वन भूमि का लगान तय करने का अधिकार सरकार के पास नहीं है.अतिथियों का स्वागत पैक्स के जॉनसन टोप्पो ने किया. धन्यवाद ज्ञापन आदिवासी कल्याण आयुक्त सैमसन सॉय ने किया.
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