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वीमेंस कॉलेज में एमकॉम की सौ सीटें हुईं
रांची विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला रांची : रांची विवि ने रांची वीमेंस कॉलेज में एमकॉम की पढ़ाई जारी रखते हुए इस सत्र से सौ सीटों पर नामांकन की स्वीकृति प्रदान कर दी है. स्नातकोत्तर की पढ़ाई अब दो शिफ्टों में होगी. पहली सुबह आठ बजे से दिन के एक […]
रांची विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला
रांची : रांची विवि ने रांची वीमेंस कॉलेज में एमकॉम की पढ़ाई जारी रखते हुए इस सत्र से सौ सीटों पर नामांकन की स्वीकृति प्रदान कर दी है. स्नातकोत्तर की पढ़ाई अब दो शिफ्टों में होगी.
पहली सुबह आठ बजे से दिन के एक बजे तक और द्वितीय शिफ्ट दिन के एक बजे से शाम पांच बजे तक होगी. इसके लिए पीजी में सीटें दोगुनी कर दी गयी है. कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में शनिवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लगभग 28 एजेंडों पर स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके लिए खर्च आदि के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा.
बैठक में अगले सत्र से स्नातक व पीजी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने संबंधी प्रस्ताव की भी स्वीकृति दे दी गयी. वहीं सभी बीएड कॉलेजों के लिए फैकल्टी ऑफ एजुकेशन खोलने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गयी. दो वर्षीय बीएड कोर्स (2015-17) के सिलेबस की भी स्वीकृति दी गयी. कोल्हान विवि के प्रस्तावित ड्राफ्ट रेगुलेशन के मॉडल को भी स्वीकृत किया गया. संत जेवियर्स कॉलेज में पीजी अंगेजी, कॉमर्स, हिंदी व स्नातक स्तरीय कंप्यूटर एनिमेशन, रिटेल मैनेजमेंट, फाइनांशियल मार्केट ऑपरेशन कोर्स की स्वीकृति दी गयी.
अखिल भारतीय विवि संघ नयी दिल्ली के निणंय के आलोक में वैसे स्नातक जिन्होंने चार्टर एकाउंटेंट की अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण की है, को स्नातकोत्तर वाणिज्य डिग्री के समकक्ष मानते हुए पीएचडी पंजीयन के लिए अर्हता की मान्यता दी गयी.बैठक में प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार, सभी डीन, डिप्टी रजिस्ट्रार, विभागाध्यक्ष सहित सभी सदस्य उपस्थित थे.
कई अन्य विषयों की भी मिली स्वीकृति : काउंसिल ने स्नातकोत्तर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में विभिन्न विषयों में सीटें बचने पर स्नातक सब्सिडियरी में अगर किसी विद्यार्थी का जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विषय हैं, तो संबंधित विषय में पीजी में नामांकन ले सकेंगे. बैठक में ज्योतिर्विज्ञान विषय में किसी भी संकाय के विद्यार्थी नामांकन ले सकेंगे.
इससे संबंधित रेगुलेशन को सिंडिकेट, सीनेट, राज्य सरकार व कुलाधिपति से स्वीकृति लेनी आवश्यक होगी. जंतु विज्ञान में इंवायरमेंटल साइंस को एलाइड विषय के रूप में शामिल किया गया. रिनपास में कोर्स वर्क ऑफ पीएचडी इन क्लिनिकल साइकोलॉजी व कोर्स वर्क ऑफ पीएचडी इन साइकोलॉजी सोशल वर्क कोर्स के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. भूगोल विभाग में रिमोट सेंसिग व जीआइएस कोर्स को स्वीकृति दी गयी.
अन्य सीटें भी बढ़ायी गयीं
रांची वीमेंस कॉलेज में छात्राओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए कई विषयों में सीटें बढ़ायी गयी हैं.प्राचार्या डॉ मंजु सिन्हा के आग्रह को रांची विवि एकेडमिक काउंसिल ने स्वीकार करते हुए उनके प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके तहत स्नातक स्तर में रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, जंतुविज्ञान, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र में पांच-पांच सीटें, हिंदी, इतिहास में छह-छह सीटें, कॉमर्स में 25 सीटें, भौतिकी में पांच, गणित, मनोविज्ञान, भूगोल, कंप्यूटर साइंस, फैशन डिजाइनिंग, आइटी, सीएनडी, में 10-10 सीटें और बायोटेक्नोलॉजी में 15 सीटें बढ़ायी गयी हैं. इसी प्रकार स्नातकोत्तर रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, जंतुविज्ञान, हिंदी, इतिहास में 10-10 सीटें, हिंदी में पांच सीटें, अंग्रेजी में 20 सीटें, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र में 25-25 सीटें बढ़ायी गयी हैं.
नि:शक्तों के लिए तीन फीसदी सीटें आरक्षित
वोकेशनल कोर्स सहित स्नातक व स्नातकोत्तर सामान्य कोर्स में नि:शक्त विद्यार्थियों के लिए तीन प्रतिशत सीटें निर्धारित की गयी. सामान्य कोर्स में क्षैतिज आरक्षण (एक प्रतिशत आंख, एक प्रतिशत कान व एक प्रतिशत हाथ-पैर से नि:शक्त) जबकि वोकेशनल (जहां संभव हो) में तीन अतिरिक्त सीटें बढ़ायी जायेंगी. मारवाड़ी कॉलेज के स्नातक व स्नातकोत्तर स्तरीय वोकेशनल कोर्स के संशोधित सिलेबस को सशर्त स्वीकृति दी गयी.
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