रांची: विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि सरकार से एसटी, एससी और पेशा आधारित पिछड़ी जातियों की वास्तविक गणना के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है. श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा है कि एसटी-एससी और पेशा आधारित उप-जातियों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का सही सर्वेक्षण होना चाहिए.
राज्य के इन आदिवासी-मूलवासियों तक सरकार की योजना नहीं पहुंच रही है. सरकार को इनकी वास्तविक स्थिति की भी जानकारी नहीं है. इनके विकास के लिए सरकार को जमीनी स्तर पर सच्चई का पता लगा कर योजना बनानी होगी.
कई जातियों जैसे नाई, कुम्हार, बढ़ई, अहीर, लोहरा, लोहार, कर्मकार, करमाली, कभार, बेदिया, मांझी, बैगा, नगेशिया जैसी जातियां भूमिहीन हैं. एससी और ओबीसी में वर्ग में आने वाली कई उपजातियों का समुचित विकास नहीं हुआ. इन जातियों की बारे में सरकार को सही जानकारी नहीं है. बंतर, मोची, धोबी, घासी, कंजर, मुसहर, पासी, बौरी, चौपाल, हलार, नट, रजवार, पान स्वासी, तांती, तुरी जैसी जातियां समाज में हाशिये पर है. इन वंचित तबके का झुकाव नक्सलवाद की ओर हो रहा है. सरकार की मुख्यधारा से कट गये हैं. श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इनकी स्थिति का मूल्यांकन कर कल्याणकारी योजना चलायी जाये.