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झारखंड में सोना, तांबा की खदानें होंगी नीलाम
दिल्ली में केंद्रीय इस्पात व खान मंत्री से मिले सीएम, हुआ फैसला बोकारो स्टील के विस्तारीकरण पर केंद्र करेगा 51 हजार करोड़ खर्च दो माह में प्रक्रिया शुरू कर देगी केंद्र सरकार रांची/नयी दिल्ली : झारखंड में खनिजों के विकास, उद्योगों की स्थापना, विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को नयी […]
दिल्ली में केंद्रीय इस्पात व खान मंत्री से मिले सीएम, हुआ फैसला
बोकारो स्टील के विस्तारीकरण पर केंद्र करेगा 51 हजार करोड़ खर्च
दो माह में प्रक्रिया शुरू कर देगी केंद्र सरकार
रांची/नयी दिल्ली : झारखंड में खनिजों के विकास, उद्योगों की स्थापना, विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय इस्पात व खान मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की. उद्योग भवन में 40 मिनट तक हुई बातचीत में झारखंड में सोना और तांबे की खदानों को नीलाम करने पर सहमति बनी. केंद्रीय खान मंत्रलय दो माह में इसकी प्रक्रिया आरंभ करेगा. झारखंड में फिलहाल तांबे की आठ और सोने की दो खदानों को चिह्न्ति किया गया है. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर रिपोर्ट भी सौंपी है.
बढ़ेगी बोकारो स्टील की क्षमता : बैठक में सेल की ओर से खनिजों के लीज का नवीकरण शीघ्र करने का अनुरोध किया गया, ताकि विस्तारीकरण की प्रक्रिया को गति प्रदान की जा सके.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया : इस संदर्भ में 20 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी. जो भी विवाद हैं, उन्हें आपसी सहमति से हल किया जायेगा. सेल ने चिड़िया माइंस, मनोहरपुर और गुवा माइंस के विस्तारीकरण की मांग की थी. बैठक में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बोकारो स्टील प्लांट के विस्तारीकरण की प्रक्रिया चल रही है.
इस पर कुल 51 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रथम चरण के विस्तारीकरण का उदघाटन भी शीघ्र होगा. इसके बाद बोकारो स्टील प्लांट की क्षमता 14 मिलियन टन की हो जायेगी. अभी इसकी क्षमता 4.5 मिलियन टन की है.
डीएमएफ को दिया जा रहा अंतिम रूप : बैठक में केंद्रीय मंत्री ने माइंस एंड मिनिरल डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (एमएमडीआर) एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड इस दिशा में तेजी से कार्य करनेवाला पहला राज्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन (डीएमएफ) को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी बनायी जा रही है. केंद्रीय खान सचिव ने बताया कि कार्यशील खदानों और नये नीलाम होनेवाली खदानों से संबंधित दर का भी शीघ्र निर्णय हो जायेगा. एमएमडीआर एक्ट के प्रभावी होने की तिथि को आधार मान कर राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया.
नये उद्योगों की स्थापना पर बल : बैठक में मुख्यमंत्री ने नये उद्योगों की स्थापना पर बल दिया. आग्रह किया कि जिस क्षेत्र से खनिज प्राप्त किये जायें, प्राथमिकता के आधार पर उसी इलाके में उद्योग स्थापित हों. इससे स्थानीय लोगों और विस्थापितों को रोजगार मिल सकेगा. बिचौलिये और ट्रेड यूनियनों के स्वयंभू नेताओं के प्रभाव कम होंगे.
सीएसआर पर जोर
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा : नये उद्योगों की स्थापना के लिए लगभग 200 मिलियन टन लौह अयस्क का सुरक्षित भंडार और बड़े पैमाने पर भूमि की जरूरत है. उन्होंने सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का आश्वासन दिया.
उन्होंने कंपनी के सीएसआर पर जोर देते हुए कहा : सीएसआर प्लान में मुख्य रूप से शिक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा और आधारभूत सुविधाओं को शामिल करने की जरूरत है. विभिन्न कंपनियों द्वारा 200 स्कूलों में आधारभूत संरचना विकसित करने और हाइवे पेट्रोलिंग के लिए वाहन उपलब्ध कराने का कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा.
कहां हैं सोने की खदान
– सिंहभूम के पहाड़िया क्षेत्र और रांची के नंदू परासी में सोने की खदान चिह्न्ति की गयी हैं
– तांबे की आठ खदान चिह्न्ति की गयी हैं. सिंहभूम में तांबा व बॉक्साइट की भी संभावना
झारखंड की मांग
– पश्चिम सिंहभूम दो और सरायकेला में एक स्टील प्लांट स्थापित करने की आवश्यकता
– खनिजों के लीज का नवीकरण शीघ्र करने का अनुरोध
– जिस क्षेत्र से खनिज निकालें जायें, उसी इलाके में उद्योग स्थापित किये जायें
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